उत्तराखंड

आदि कैलाश में पर्यटकों की एंट्री होगी अस्थायी रूप से बंद..

आदि कैलाश में पर्यटकों की एंट्री होगी अस्थायी रूप से बंद..

प्रशासन ने हाई-एल्टीट्यूड अल्ट्रा मैराथन के चलते लिया बड़ा फैसला..

 

 

 

उत्तराखंड: उत्तराखंड के आदि कैलाश क्षेत्र में आगामी 2 नवंबर को आयोजित होने जा रही हाई-एल्टीट्यूड अल्ट्रा मैराथन की तैयारियां जोरों पर हैं। इस आयोजन को देखते हुए पिथौरागढ़ जिला प्रशासन ने महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए आदि कैलाश जाने वाले पर्यटकों के लिए परमिट जारी करना अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। प्रशासन का कहना है कि यह कदम धावकों को सुरक्षित और शांत वातावरण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उठाया गया है। आयोजन के दौरान मार्ग पर भीड़ और असुविधा से बचने के लिए यात्रियों की आवाजाही पर फिलहाल रोक लगाई गई है। पर्यटन विभाग के अनुसार इस अल्ट्रा मैराथन में देशभर से लगभग 1000 धावक हिस्सा लेने वाले हैं।

धावक ऊंचाई वाले कठिन इलाकों में दौड़ेंगे, जिसके लिए सुरक्षा, चिकित्सा सहायता, आवास और भोजन जैसी व्यवस्थाओं को सुनिश्चित किया जा रहा है। प्रशासन ने कहा कि 25 अक्टूबर से आदि कैलाश यात्रियों के लिए नए परमिट जारी नहीं किए जा रहे हैं, ताकि आयोजन के दौरान व्यवस्थाएं सहज और सुचारू रूप से संचालित की जा सकें। अधिकारियों ने कहा कि यह आयोजन न केवल क्षेत्र में एडवेंचर स्पोर्ट्स और पर्वतीय पर्यटन को बढ़ावा देगा, बल्कि दुनिया के सामने उत्तराखंड के सीमांत इलाकों की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक पहचान को भी नए आयाम देगा।

उत्तराखंड के आदि कैलाश क्षेत्र में आगामी 2 नवंबर को आयोजित होने जा रही हाई-एल्टीट्यूड अल्ट्रा मैराथन की तैयारियों को देखते हुए प्रशासन ने आदि कैलाश जाने वाले यात्रियों के लिए परमिट जारी करना अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। प्रशासन का कहना है कि यह निर्णय केवल पर्यटकों के लिए लागू है, धावकों और उनके परिवारों पर कोई प्रतिबंध नहीं रहेगा। पर्यटन सचिव धीराज गर्ब्याल ने कहा कि यह कदम धावकों को सुरक्षित, शांत और सुव्यवस्थित वातावरण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उठाया गया है। उन्होंने कहा कि अगर मैराथन के दौरान पर्यटकों की संख्या अधिक रहती, तो धावकों की आवाजाही और व्यवस्था प्रभावित हो सकती थी। इसलिए 25 अक्टूबर से यात्रियों के लिए परमिट जारी करना रोक दिया गया है।

गर्ब्याल ने कहा कि इस अल्ट्रा मैराथन में देशभर से लगभग 1000 धावक भाग लेंगे। इसके लिए प्रशासन ने धावकों के ठहरने, भोजन, चिकित्सा सुविधा और मार्ग की सुरक्षा की विशेष तैयारियाँ की हैं। उत्तराखंड इस वर्ष अपना रजत जयंती वर्ष मना रहा है, और इस अवसर पर आयोजित यह मैराथन राज्य की एडवेंचर पर्यटन क्षमता और अंतरराष्ट्रीय पहचान को नई ऊंचाई देगी। इस आयोजन से सीमांत क्षेत्रों में पर्यटन, स्थानीय व्यवसाय और रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा।

सचिव ने कहा कि इस वर्ष की हाई-एल्टीट्यूड अल्ट्रा मैराथन को उत्तराखंड सरकार द्वारा राज्य के रजत जयंती वर्ष के मुख्य इवेंट के रूप में आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड, भारत का पहला राज्य है जहां राज्य सरकार स्वयं हाई-एल्टीट्यूड मैराथन का आयोजन कर रही है। यह आयोजन राज्य के पर्वतीय पर्यटन और साहसिक खेलों की पहचान को नई दिशा देगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि जैसे ही मैराथन संपन्न होगी, आदि कैलाश यात्रा के लिए पर्यटकों के परमिट दोबारा जारी कर दिए जाएंगे, ताकि यात्रियों की यात्रा सुगम और सुरक्षित बनी रहे। पर्यटन विभाग का मानना है कि यह आयोजन न केवल राज्य की एडवेंचर टूरिज्म संभावनाओं को बढ़ावा देगा, बल्कि सीमांत इलाकों की आर्थिक और सांस्कृतिक गतिविधियों में भी नई ऊर्जा भरेगा।

 

 

 

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