उत्तराखंड

राजधानी देहरादून में ड्राइविंग टेस्ट में फेल होने के डर से दूसरी जगह बनवा रहे, ड्राइविंग लाइसेंस…

ड्राइविंग लाइसेंस

राजधानी देहरादून में ड्राइविंग टेस्ट में फेल होने के डर से दूसरी जगह बनवा रहे, ड्राइविंग लाइसेंस…

उत्तराखंड : देहरादून आरटीओ में ड्राइविंग टेस्ट में फेल होने के डर से लोग लाइसेंस बनवाने विकासनगर और ऋषिकेश जा रहे हैं। आरटीओ दफ्तर से मिले आंकड़े इसकी तस्दीक कर रहे हैं। देहरादून में ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले लोगों का परमानेंट डीएल टेस्ट करीब डेढ़ साल से आईडीटीआर में हो रहा हैं। यहां रोजाना टेस्ट में 30 से 40 प्रतिशत लोग फेल हो रहे, लेकिन लोगों ने टेस्ट से बचने के रास्ते भी ढूंढ दिए हैं।

 

देहरादून के लोग अब ऋषिकेश और विकासनगर से ड्राइविंग लाइसेंस बना रहे हैं। देहरादून आरटीओ में लर्निंग और परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस बनाने वाले लोगों की संख्या में भारी गिरावट आ गयी है। वर्ष 2017 में 47,706 लोगों ने देहरादून आरटीओ दफ्तर में परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन किया था। इसमें 1241 लोग फेल हुए थे। जुलाई 2019 में शासन के आदेश पर परमानेंट डीएल टेस्ट आईडीटीआर झाझरा शिफ्ट किया गया। यहां ट्रैक पर वाहन चलाना पड़ता है। यातायात नियमों का पालन नहीं करने पर लोग टेस्ट में बाहर हो जाता है।

 

2019 में 33 हजार 610 लोगों ने ड्राइविंग लाइसेंस के आवेदन किया, जिसमें 1691 फेल हुए। वर्ष 2020 में 15 175 लोंगों ने आवेदन किया, जिसमें 3141 लोग टेस्ट पास नहीं कर पाए। हालांकि कोरोना काल के कारण भी लोगों की संख्या में कमी बताई जा रही है, लेकिन अधिकारी स्वीकार कर रहे हैं कि जब से झाझरा में टेस्ट हो रहा है, तब से लोग ऋषिकेश और विकासनगर से लाइसेंस बना रहे हैं।

 

ट्रैक पर वाहन चलाने में छूट रहे पसीने…

दोपहिया और चौपहिया वाहन के लिए आईडीटीआर झाझरा में टेस्ट होता है। चौपहिया वाहन के लिए ट्रैक बना हुआ है। ट्रैक पर मैदान के साथ पहाड़ में भी गाड़ी चलानी होती है। इसके साथ ही यातायात नियमों का ध्यान भी रखना पड़ता है। वाहन को बैक करके भी साइड लगाना होता है। रोजाना करीब 40 प्रतिशत लोग टेस्ट को पास नहीं कर पा रहे हैं। दोपहिया वाहन के लिए 8 और 0 अंक का आकार ट्रैक बना हुआ है, जिसमें दोपहिया वाहन चलाना होता है। अधिकांश लोग घुमाव पर पैर को नीचे रख देते हैं, जिससे वह फेल हो जाते हैं।

 

लर्निंग डीएल बनाना भी मुश्किल…

लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस का टेस्ट पास करना भी लोगों के लिए मुश्किल हो गया है। वर्ष 2007 में 37,254 लोगों ने लर्निंग लाइसेंस के लिए आवेदन किया था, जिसमें 4,438 लोग फेल हुए थे। तब ऑनलाइन टेस्ट नहीं था, लेकिन पिछले तीन सालों से ऑनलाइन टेस्ट हो रहा है। इसमें टेस्ट पूरा होते ही कंप्यूटर की स्क्रीन पर रिजल्ट आ रहा है। वर्ष 2019 में 39,252 लोगों ने आवेदन किया, जिसमें 14,321 लोग फेल हो गए। जबकि वर्ष 2020 में 9,577 लोगों ने आवेदन किया, जिसमें 3248 लोग टेस्ट पास नहीं कर पाए।

 

देहरादून में ड्राइविंग लाइसेंस बनाने वालों की संख्या में कमी आई है,जिसमे लोग ट्रैक पर टेस्ट देने से बच रहे हैं। ऋषिकेश और विकासनगर से लाइसेंस बना रहे हैं। इसका समाधान निकालने की कोशिश कर रहे है। इस मामले में मैने सचिव परिवहन से बात की है। हमारी कोशिश यह है कि टेस्ट ट्रैक पर ही हो।

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