उत्तराखंड

किसान हित में कृषि कानून- मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत..

किसान हित में कृषि कानून- मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत..

उत्तराखंड: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि किसान कानून किसानों के हित में है। उन्होंने कहा कि किसानों के बीच प्रलय की स्थिति फैल रही है। कहा जा रहा है कि एमएसपी को खत्म कर दिया जाएगा। यह पूरी तरह से गलत है।

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि गन्ना किसानों का भुगतान करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य है। नई पेराई समिति से पहले गन्ना किसानों को 100% भुगतान किया गया है। उन्होंने सवाल किया कि कांग्रेस आज कृषि बिल के विरोध के समर्थन में आ रही है। जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव के घोषणापत्र में कांग्रेस ने बिल लाने की बात कही थी।

कृषि कानून के विरोध में भारत बंद में विपक्षी दलों के शामिल होने पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में कृषि कानून बनाने का वादा किया था, लेकिन आज वह विरोध में उतर आई है।

उन्होंने कांग्रेस पर दोगला होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस खुद तो बर्बाद है ही, वह किसानों को भी बर्बाद करना चाहती है। उन्होंने किसानों को आश्वस्त किया कि सरकार उनके हितों के प्रति सौ फीसदी प्रतिबद्ध है। वे किसी भ्रम में न पड़े। कोई ऐसा काम न हो, जिससे राज्य के अमन को नुकसान पहुंचे।

मुख्यमंत्री बीजापुर अतिथि गृह में किसान आंदोलन पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों को लेकर किसानों को भ्रमित किया जा रहा है। पंजाब की कांग्रेस सरकार ने आंदोलन को गलत दिशा में मोड़ने का प्रयास किया। कृषि कानून किसानों के हित में है। इसकी बहुत लंबे समय से डिमांड चल रही थी।

उन्होंने कहा कि प्रसिद्ध कृषि विज्ञानी रहे स्वामीनाथन की रिपोर्ट के आधार पर कृषि कानून है। कानून के तहत किसानों के लिए अनेक विकल्प खोल दिए गए हैं। पहले किसान मंडी मे खरीदारी करता था। आज ओपन मार्केट कर दिया। उन्होंने कहा कि किसानों के बीच यह भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है कि एमएसपी समाप्त हो रहा है। एमएसपी समाप्त नहीं हो रहा है।

उन्होंने प्रदेश के किसानों से अपील की कि वे बिल्कुल भ्रमित न हों। उन्होंने विश्वास दिलाया कि भजापा आपके हितों की संरक्षक है। लेकिन कांग्रेस जो कृषि कानून के विरोध में खुलकर आ रही है, दोगली है। उसने  2019 के घोषणा पत्र में है साफ लिखा कि वह एपीएमसी एक्ट को निरस्त कर देगी। कृषि उत्पादों के व्यापार की व्यवस्था करेगी।

आज वही कांग्रेस और उस राज्य के मुख्यमंत्री स्वयं इस आंदोलन में कूद गए। उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। उन्होंने  कहा कि जिस तरह के नारे लगाए जा रहे हैं, ऐसा लगता है कि कुछ लोग देश की अखंडता और एकता को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं।  हम इसकी तीव्र भर्त्सना करते हैं। मुख्यमंत्री ने पीएम मोदी के गुजरात के किसानों को दी गई सस्ती बिजली का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि किसानों को दोगली कांग्रेस से बचने की जरूरत है।

मुख्यमंत्री ने किसानों के हितों को लेकर राज्य सरकार के फैसलों की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि शायद पहली बार हुआ कि नए पेराई सत्र से पहले किसानों को उनकी फसल का पूरा भुगतान कर दिया गया। किसानों से धान की खरीदारी हो रही है। 24 घंटे में बिलों का भुगतान आरटीजीएस के माध्यम से हो रहा है। इकबालपुर निजी मिल को सरकार ने 36 करोड़ की गारंटी देकर 22 हजार से अधिक किसानों को राहत दी।

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