उत्तराखंड

बारिश और आपदा ने रोकी रफ्तार, अब केवल दो धामों तक सीमित चारधाम यात्रा..

बारिश और आपदा ने रोकी रफ्तार, अब केवल दो धामों तक सीमित चारधाम यात्रा..

 

 

 

 

उत्तराखंड: उत्तराखंड में आई प्राकृतिक आपदा ने इस बार चारधाम यात्रा की रफ्तार पर गहरा असर डाला है। आमतौर पर मानसून के दौरान तीर्थयात्रियों की संख्या में कमी आती है और सितंबर माह में यात्रा फिर से रफ्तार पकड़ लेती है, लेकिन इस बार हालात अलग हैं। उत्तरकाशी जिले में आई भीषण आपदा के चलते गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की यात्रा पूरी तरह से बंद है। यात्रा मार्ग पर लगातार हो रहे भूस्खलन और मलबा गिरने से मार्ग खोलने में कठिनाई आ रही है। ऐसे में चारधाम यात्रा फिलहाल केवल केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम पर ही टिकी हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार की भारी बारिश ने यात्रा संचालन को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है। उत्तरकाशी जिले में बंद पड़े मार्गों के कारण गंगोत्री और यमुनोत्री धाम, जो सामान्यतः श्रद्धालुओं के जयकारों से गूंजते रहते हैं, इन दिनों पूरी तरह सन्नाटे में डूबे हैं। राज्य सरकार और प्रशासन प्रभावित मार्गों को खोलने में जुटा है, लेकिन पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रहे भूस्खलन से राहत व पुनर्निर्माण कार्यों को चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। तीर्थयात्रियों और स्थानीय व्यापारियों के लिए यह स्थिति चिंता का विषय बन गई है। आमतौर पर सितंबर से चारधाम यात्रा की चहल-पहल लौट आती है, लेकिन आपदा ने इस बार यात्रा की रफ्तार को थाम दिया है।

30 अप्रैल से शुरू हुई चारधाम यात्रा मेंअब तक 42.54 लाख से अधिक तीर्थयात्री भगवान के धामों में दर्शन कर चुके हैं। लेकिन हालिया आपदा और लगातार हो रहे भूस्खलन ने यात्रा की रफ्तार पर गहरा असर डाला है। वर्तमान में गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की यात्रा पूरी तरह बंद है। श्रद्धालुओं की आवाजाही केवल केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम तक सीमित रह गई है, जहां प्रतिदिन तीन से पांच हजार श्रद्धालु दर्शन कर रहे हैं। यात्रा मार्गों पर भूस्खलन एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आया है। बद्रीनाथ धाम मार्ग पर कमेड़ा और लामबगड़ में बार-बार हो रहे भूस्खलन के कारण यात्रा बाधित हो रही है। वहीं, केदारनाथ धाम मार्ग पर सोनप्रयाग और गौरीकुंड के बीच लगातार मलबा गिरने से श्रद्धालुओं और प्रशासन दोनों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय व्यापारी और होटल व्यवसायी चिंतित हैं क्योंकि गंगोत्री-यमुनोत्री यात्रा बंद होने से आर्थिक गतिविधियों पर असर पड़ा है। दूसरी ओर, प्रशासन प्रभावित मार्गों को दुरुस्त करने में जुटा है ताकि जल्द ही यात्रा सामान्य हो सके। विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार भारी बारिश और आपदा के कारण चारधाम यात्रा पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है। हालांकि, श्रद्धालुओं की आस्था अडिग है और बड़ी संख्या में यात्री अब भी केदारनाथ व बद्रीनाथ पहुंच रहे हैं।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि खराब मौसम और भूस्खलन की वजह से तीर्थयात्रियों को फिलहाल दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन मौसम सामान्य होने के बाद यात्रा फिर से गति पकड़ लेगी। इस बार मानसून के दौरान जगह-जगह भूस्खलन की संभावना ज्यादा बनी हुई है, जिससे यात्रा मार्ग बार-बार बाधित हो रहे हैं। उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की कि यात्रा पर निकलने से पहले मौसम की ताज़ा जानकारी अवश्य लें और उसके बाद ही धामों की ओर प्रस्थान करें। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार और प्रशासन लगातार मार्गों को दुरुस्त करने और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में जुटा है। साथ ही आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत और पुनर्निर्माण कार्य तेजी से चल रहे हैं। चारधाम यात्रा उत्तराखंड की आस्था और अर्थव्यवस्था से जुड़ी है। सरकार का पूरा प्रयास है कि यात्रा को सुरक्षित, व्यवस्थित और सुगम बनाया जाए ताकि श्रद्धालुओं की आस्था बनी रहे और स्थानीय लोगों की आजीविका पर असर न पड़े।

 

 

 

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

To Top