उत्तराखंड

केदारनाथ में निर्माण कार्यो में किया जा रहा ब्लास्टिंग का प्रयोग..

तीर्थ पुरोहितों ने निर्माण कार्यो का विरोध किया शुरू..

कहा, ड्रीम प्रोजेक्ट के नाम पर पैंसों का किया जा रहा दुरूपयोग..

रुद्रप्रयाग। केदारनाथ धाम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत निर्माण कार्य किये जा रहे हैं। इन दिनों धाम में द्वितीय चरण के निर्माण कार्य चल रहे हैं। धाम में मजदूर, कर्मचारी एवं तीर्थ पुरोहितों के अलावा कोई अन्य मौजूद नहीं है। सरकार की ओर से यात्रा पर रोक लगाई है, जिसका फायदा निर्माण एजेंसियां उठा रही हैं। निर्माण एजेंसी कार्य में ब्लास्टिंग का प्रयोग कर रही है, जिससे तीर्थ पुरोहितों को वर्ष 2013 की केदारनाथ आपदा की याद आने लगी हैं। ऐसे में निर्माण कार्यो में विस्फोटों का प्रयोग होने से तीर्थ पुरोहितों ने विरोध जताना शुरू कर दिया है।

 

केदारसभा के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित विनोद शुक्ला ने कहा कि केदारघाटी में आपदा के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मंदाकिनी नदी के किनारे 28 करोड़ की लागत से एक घाट का निर्माण करवाया था, जिसमें चेंजिंग रूम सहित अन्य सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई थी। लेकिन अब उस घाट को पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के नाम पर अधिकारियों द्वारा तोड़ दिया गया है। तीर्थ पुरोहित अंकुर शुक्ला ने कहा कि जिस प्रकार से घाट को तोड़ने का काम जारी है और इस संवेदनशील क्षेत्र में ब्लास्टिंग के जरिए घाट को तोड़ा जा रहा है, वह आने वाले समय में केदारनाथ धाम के लिए खतरे का सबक बन सकता है। तीर्थ पुरोहितों को केदारनाथ आपदा की याद आने लगी है। उन्होंने कहा कि धाम में पैंसों का दुरूपयोग किया जा रहा है, जो चीज पहले ही बन चुकी है, उसको तोड़कर नये सिरे से बनाया जाना, सरासर पैंसों का दुरूपयोग है।

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