शिक्षा मंत्री को ज्ञापन भेजकर समस्या के समाधान की मांग
रुद्रप्रयाग। प्राथमिक शिक्षक नियमावली में संशोधन से आक्रोशित डीएलएड प्रशिक्षुओं का डायट रतूड़ा में कार्य बहिष्कार तीसरे दिन भी जारी रहा। प्रशिक्षुओं ने शिक्षा मंत्री को ज्ञापन भेजते हुए समस्या के समाधान की मांग की और आक्रोश जताते हुए कहा कि जब तक उनकी मांगों पर कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं की जाती, आंदोलन जारी रहेगा।
डायट रतूड़ा में धरना दे रहे प्रशिक्षुओं ने कहा कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता, कार्य बहिष्कार जारी रहेगा। डीएलएड प्रशिक्षु प्रदेश में प्राथमिक शिक्षक पदों पर नियुक्ति के लिए राज्य के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों से संस्थागत रूप से प्रशिक्षण ले रहे डीएलएड प्रशिक्षुओं को प्रथम वरीयता दिये जाने की मांग कर रहे हैं और उनकी मांगों पर सरकार को ठोस कदम उठाना ही होगा। प्रशिक्षुओं ने कहा कि उनका प्रशिक्षण एनसीएफ 2005 के मानकों के अनुरूप होता है, जिसमें स्थानीय भाषा, नवाचार का भी प्रशिक्षण प्राप्त किया जाता है। विगत 27 अप्रैल को उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय की संयुक्त खण्डपीठ ने बाहरी राज्यों से डीएलएड उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को राज्य में प्राथमिक शिक्षक पद पर नियुक्ति के लिए योग्य माना है। न्यायालय के इस निर्णय से राज्य के प्रशिक्षुओं का भविष्य असमंजस की स्थिति में है। इस मौके पर सतीश, नितिन, हिना, सरिता, निलेश सहित कई मौजूद थे।
