उत्तराखंड

बढ़ते तनाव को देखते हुए हेलिकॉप्टर सेवाएं अनिश्चित काल के लिए बंद..

भारत-पाकिस्तान युद्ध के बीच केदारनाथ के लिए हेलिकॉप्टर सेवा अग्रिम आदेश तक बंद..

 

 

 

उत्तराखंड: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के चलते केदारनाथ धाम के लिए हेलिकॉप्टर सेवा को अग्रिम आदेश तक बंद कर दिया गया है। इसके साथ ही हेलिकॉप्टर और होटल की कई बुकिंग भी रद्द हो गई हैं। बता दे कि शनिवार को सीमा पर हालात और ज्यादा तनावपूर्ण हो गए हैं, और युद्ध की स्थिति चौथे दिन में प्रवेश कर चुकी है। सरकारी अधिकारियों का कहना है कि सुरक्षा कारणों से हेलिकॉप्टर सेवा को स्थगित किया गया है, ताकि किसी भी तरह की अनहोनी से बचा जा सके। केदारनाथ धाम में आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध के संकेत और तनावपूर्ण स्थितियों को देखते हुए कई अन्य पहाड़ी क्षेत्रों में भी प्रशासन ने सुरक्षा बढ़ा दी है।

भारत के कई सीमावर्ती शहरों को सुरक्षा के लिहाज से अलर्ट पर रखा गया है, क्योंकि पाकिस्तान लगातार उकसावे की कोशिश कर रहा है। भारत की मजबूत वायु रक्षा प्रणाली ने पाकिस्तान के हमलों को नाकाम किया है, और देर रात पाकिस्तान ने 26 भारतीय शहरों को निशाना बनाने की कोशिश की। हालांकि, भारत ने उसकी हर एक कोशिश को विफल कर दिया और जवाबी कार्रवाई भी की, जिससे पाकिस्तान के नापाक मंसूबों पर पानी फिर गया। भारत की सुरक्षा बलों और वायु रक्षा तंत्र ने पाकिस्तान के हमलों का डटकर सामना किया, और भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को सुनिश्चित किया। यह घटना भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण रिश्तों और सुरक्षा स्थिति को और भी जटिल बना देती है।

पाकिस्तान से चल रहे तनाव के बीच साइबर हमलों की संभावना भी जताई जा रही हैं। इसी बीच भारत और पाकिस्तान के बढ़ते तनाव को देखते हुए एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने साइबर हमलों की आशंका के बीच अपने साइबर कमांडो को सक्रिय कर दिया है। इसके साथ ही एक विशेष टीम का गठन भी किया गया है, जो हर प्रकार की वेब गतिविधियों पर निगरानी रख रही है। एसटीएफ की ओर से प्रदेशवासियों के लिए एक एडवाइजरी भी जारी की गई है, जिसमें बताया गया है कि इस तनावपूर्ण माहौल में लोग किस प्रकार की सावधानियां बरतें। यह एडवाइजरी खासतौर पर साइबर सुरक्षा से जुड़ी जानकारी देती है, ताकि लोग फर्जी खबरों, हैकिंग और अन्य साइबर हमलों से बच सकें। इस प्रकार की तैयारियां नागरिकों और राज्य की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। एसटीएफ की यह पहल किसी भी संभावित साइबर हमले से निपटने में मददगार साबित हो सकती है। सोशल मीडिया पर कई तरह के लिंक आदि की चर्चाएं भी आम हैं। ऐसे में आशंका इस बात की है कि दुश्मन अपने हैकर्स की मदद से सरकारी वेब सिस्टम पर हमला कर सकता है। ऐसे में डीजीपी दीपम सेठ ने एसटीएफ को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं।

 

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