उत्तराखंड

एयरफोर्स ने पांडव शेरा ट्रेक से सुरक्षित निकाले ट्रेकर्स..

एयरफोर्स ने पांडव शेरा ट्रेक से सुरक्षित निकाले ट्रेकर्स..

तीन दिनों से पांडव शेरा ट्रेक पर फंसे थे ट्रेकर्स एवं पोर्टर..

आईटीबीपी गौचर के एमआई रूम में किया गया ट्रेकर्स का उपचार..

रुद्रप्रयाग: मद्महेश्वर-पांडवसेरा ट्रेक पर फंसे सभी ट्रेकर्स को सुरक्षित निकाल लिया गया है। सोमवार सुबह साढ़े पांच बजे एयर फोर्स के दो हेलीकॉप्टर के माध्यम से रेस्क्यू अभियान शुरू किया गया तथा 6 बजकर 45 मिनट पर ट्रेकरों को पिकअप किया गया।

इसके बाद तीनों ट्रेकरों को गौचर हेलीपैड लाया गया, जहां से उपचार के लिए आईटीबीपी गौचर के एमआई रूम लाया गया। यहां डॉक्टर विशाल चैधरी की देख-देख में ट्रेकरों का उपचार किया गया। तीनों लोग ठीक हैं, जबकि पोर्टर अपने गांव रांसी के लिए निकल गये हैं।

बता दें कि गत 28 मई को जिला आपदा प्रबंधन परिचालन केंद्र को सूचना मिली कि मदमहेश्वर-पांडव शेरा ट्रेक पर कुछ ट्रेकर फंसे हुए हैं, जिसकी सूचना जिलाधिकारी को दी गई। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के निर्देशन में जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी को राहत व बचाव की जिम्मेदारी सौंपी गई।

जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी ने इस संबंध में स्थानीय लोगों से संपर्क किया। उन्हें जानकारी मिली कि पांडव शेरा ट्रेक पर कुछ ट्रेकर व पोर्टर गये हैं, जो रास्ता भटक गये हैं और उनके पास खाने के लिए भी कुछ नहीं है। ऐसे में आपदा प्रबंधन अधिकारी ने उनसे संपर्क किया।

मौसम खराब होने के कारण दो दिनों तक रेस्क्यू अभियान नहीं चल पाया, जबकि एयर फोर्स के दो हेलीकॉप्टर को स्टेंड बाई मोड़ में रखा गया था। सोमवार सुबह मौसम साफ होने पर एयरफोर्स के दो हेलीकाॅप्टरों से रेस्क्यू चलाया गया और ट्रेकर श्रीनिवासन गाजियाबाद उत्तर प्रदेश, अजय सिंह गोरखपुर, अजय नेगी पौड़ी गढ़वाल का सुरक्षित निकालते हुए गौचर लाया गय, जहां से इन्हें आईटीबीपी गौचर के एमआई रूम में उपचार के लिए ले जाया गया। इसके अलावा तीन अन्य पोर्टर अरविन्द नेगी, प्रेम सिंह व राकेश अपने गांव रांसी के लिए निकल गए।

जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नन्दन सिंह रजवार ने बताया कि दो दिनों तक मौसम खराब होने के कारण रेस्क्यू नहीं किया जा सका। सोमवार सुबह एयर फोर्स के दो हेलीकॉप्टर के माध्यम से रेस्क्यू अभियान शुरू किया गया तथा ट्रेकर्स को पांडव शेरा के बुग्यालों से पिकअप किया गया। उन्होंने बताया कि सभी ट्रेकर्स सुरक्षित हैं, जबकि पोर्टर अपने गांव को चले गये हैं। आईटीबीपी गौचर के कमांडेड आफिसर डाॅ विशाल चैधरी की देख-रेख में ट्रेकर्स का उपचार किया गया।

 

 

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