देश/ विदेश

देश की सेना में 2032 तक आधे होंगे अग्निवीर, हर साल डेढ़ लाख तक होगी भर्ती ..

देश की सेना में 2032 तक आधे होंगे अग्निवीर, हर साल डेढ़ लाख तक होगी भर्ती ..

देश की सेना में 2032 तक आधे होंगे अग्निवीर, हर साल डेढ़ लाख तक होगी भर्ती ..

 

देश – विदेश : भारतीय सेना में कुल 12 लाख सैनिक हैं और 2032 तक अग्निवीरों की संख्या इसके आधे के बराबर होगी। यानी करीब 6 लाख सैनिक अगले 10 सालों में सेना में अग्निपथ स्कीम के तहत आने वाले होंगे। पहले बैच में 46 हजार की भर्ती है और आने वाले 6 से 7 सालों में यह आंकड़ा बढ़कर 1.2 लाख हो जाएगा। यही नहीं अगले 10 सालों में तो यह 1.6 लाख के करीब हो सकता है। लेफ्टिनेंट-जनरल बीएस राजू ने यह बात कही है।

सेना के उपाध्यक्ष ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए कहा, “हम योजना के तहत हर साल भर्ती करने जा रहे हैं। इस साल करीब 40,000 भर्तियां होंगी। सातवें या आठवें साल तक जाते-जाते यह 1.2 लाख और फिर दसवें या ग्यारहवें साल तक 1.6 लाख हो जाएगी। सभी भर्तियां (अधिकारियों को छोड़कर) केवल अग्निपथ के तहत की जाएंगी।”

आपको बता दें कि बढ़ते वेतन और पेंशन बिल में कटौती के मकसद से थल सेना, नौसेना और वायुसेना में जवानों की भर्ती के लिए मंगलवार को ‘अग्निपथ’ योजना की घोषणा की गई।

वायुसेना और नौसेना में इस साल अग्निवीरों की भर्ती..

भारतीय वायुसेना और नौसेना में इस वर्ष 3,000 अग्निवीरों की भर्ती होगी। इनकी संख्या आने वाले वर्षों में इसी अनुपात में बढ़ेगी। अग्निवीरों के प्रत्येक बैच से केवल 25% सर्वश्रेष्ठ को सेना में नियमित कैडर सैनिकों के रूप में 15 साल की सेवा के लिए रखा जाएगा। अन्य 75% को चार साल के बाद हटा दिया जाएगा।

और यंग होगी इंडियन आर्मी..

लेफ्टिनेंट-जनरल राजू ने कहा, “इसका उद्देश्य नियमित कैडर सैनिक (पूर्ववर्ती अग्निवीर) और अग्निवीर (चार साल के कार्यकाल पर) की संख्या को 50-50 के अनुपात में लाना है। छह से सात वर्षों में सैनिकों की औसत आयु 32 से घटकर 24-26 तक आ जाएगी।”

‘नाम, नमक और निशान’ से कोई समझौता नहीं..

इस बात को लेकर व्यापक चिंताएं हैं कि केवल चार वर्षों की नौकरी से समाज का बड़े पैमाने पर सैन्यकरण होगा। युवाओं के पास युद्ध की ट्रेनिंग तो होगी, लेकिन हर साल करीब 35 हजार से अधिक अग्निवीरों को बेरोजगार कर दिए जाएगा। सेना उप प्रमुख ने इन चिंताओं को दूर करते हुए कहा, “रेजिमेंटेशन, लोकाचार और भाईचारा एक साथ रहने, एक साथ खाने और एक साथ लड़ने वाले सैनिकों के समूह का एक आउटपुट है। भले ही वे किसी विशेष समुदाय से क्यों ना हों ‘नाम, नमक और निशान’ के मूल सिद्धांतों को कमजोर नहीं किया जाएगा।”

11.7 लाख के एक्जिट पैकेज से बनाएंगे करियर..

सिविल सोसाइटी में बड़ी संख्या में अग्निवीरों के प्रवेश करने के सवाल पर लेफ्टिनेंट जनरल राजू ने कहा, “किसी व्यक्ति की मानसिकता केवल इसलिए क्यों बदलनी चाहिए क्योंकि उसे नियमित कैडर के लिए नहीं चुना गया था? 11.7 लाख रुपये के ‘सेवा निधि’ के एग्जिट पैकेज के साथ अनुशासित और अच्छी तरह से कुशल अग्निवीर कई सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की नौकरियों के लिए पात्र उम्मीदवार होंगे। सरकार पहले से ही इसके लिए काम कर रही है।”

क्या अग्निवीर जोखिम से दूर रहेंगे, क्योंकि उनमें से अधिकांश को चार साल के बाद दूसरे करियर की तलाश होगा। इस सवाल के जवाब में राजू ने कहा, “अगर किसी सैनिक को अपनी राइफल से फायर करना है, तो वह करेगा। अग्निवीरों को अच्छी तरह से प्रशिक्षित किया जाएगा। वे वास्तव में नियमित कैडर में शामिल होने के लिए एक-दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा करेंगे। मुझे यकीन है कि बटालियन कमांडिंग अधिकारी इसे प्रबंधित और संभालने में सक्षम होंगे।”

 

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

To Top