उत्तराखंड

हनुमानचट्टी-गुलाबीकांठा ट्रैक को ‘ट्रैक ऑफ द ईयर’ घोषित, सितंबर से शुरू होगी ट्रैकिंग..

हनुमानचट्टी-गुलाबीकांठा ट्रैक को ‘ट्रैक ऑफ द ईयर’ घोषित, सितंबर से शुरू होगी ट्रैकिंग..

पहले चरण में 300 ट्रैकर्स को मिलेगी अनुमति..

 

 

 

 

उत्तराखंड: उत्तरकाशी जिले की बड़कोट तहसील स्थित हनुमानचट्टी-गुलाबीकांठा ट्रैक को उत्तराखंड सरकार ने इस वर्ष का ‘ट्रैक ऑफ द ईयर’ घोषित किया है। यह पहली बार है जब यमुनोत्री धाम यात्रा मार्ग पर किसी ट्रैक को पर्यटन के लिए विकसित करने का निर्णय लिया गया है। इस पहल से न केवल चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को नया अनुभव मिलेगा, बल्कि स्थानीय युवाओं को रोजगार और क्षेत्र के आर्थिक विकास के नए अवसर भी मिलेंगे।यह ट्रैक स्थानीय लोगों के लिए ऐतिहासिक रूप से बेहद खास रहा है। पहले यहां के ग्रामीण केलशू घाटी से यमुनोत्री धाम तक पहुंचने के लिए इसी रास्ते का इस्तेमाल करते थे। करीब 8 से 9 किलोमीटर लंबा यह पैदल मार्ग हनुमानचट्टी से शुरू होकर निषणी गांव से गुजरता है और समुद्र तल से लगभग 2900 से 3000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। घने जंगलों, बुग्यालों और प्राकृतिक खूबसूरती से भरपूर यह रास्ता रोमांच और अध्यात्म का अनोखा संगम प्रस्तुत करता है।

इस ट्रैक को पहचान दिलाने में स्थानीय युवाओं और ग्रामीणों का अहम योगदान रहा है। उन्होंने लगातार प्रयास कर इस मार्ग को सुरक्षित और आकर्षक बनाने का काम किया। इसके बाद पर्यटन विभाग ने भी पहल करते हुए युवाओं को गाइडिंग और ट्रैकिंग का विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया, ताकि आने वाले सैलानियों को बेहतर सुविधाएं और सुरक्षित अनुभव मिल सके। ‘ट्रैक ऑफ द ईयर’ घोषित होने के बाद अब यहां ट्रैकिंग, कैंपिंग और नेचर टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे यमुनोत्री धाम की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक नया आकर्षण जुड़ जाएगा और साथ ही स्थानीय स्तर पर होटल, होमस्टे, गाइडिंग और हैंडीक्राफ्ट जैसी गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा। प्रदेश सरकार का मानना है कि इस पहल से चारधाम यात्रा मार्ग पर वैकल्पिक पर्यटन गतिविधियों को नया आयाम मिलेगा और यह क्षेत्र जल्द ही देश-विदेश के एडवेंचर प्रेमियों के लिए लोकप्रिय डेस्टिनेशन बन सकता है।

जिला पर्यटन अधिकारी के.के. जोशी का कहना हैं कि इस ट्रैक के विकसित होने से न केवल यमुनोत्री बल्कि डोडीताल ट्रैक को भी फायदा होगा। दरअसल यह मार्ग निषणी गांव को सीधे उत्तरकाशी की केलशू घाटी स्थित डोडीताल ट्रैक से जोड़ता है। इस तरह यह एक वैकल्पिक और आकर्षक पर्यटन सर्किट के रूप में उभरेगा, जिससे दोनों क्षेत्रों में पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी। पर्यटन विभाग के अनुसार इस ट्रैक पर सितंबर माह से ट्रैकिंग गतिविधियां शुरू की जाएंगी। पहले चरण में लगभग 300 ट्रैकर्स को अनुमति दी जाएगी। इसके बाद चरणबद्ध तरीके से पर्यटकों की संख्या बढ़ाई जाएगी ताकि सुरक्षा और पर्यावरणीय संतुलन का ध्यान रखा जा सके। करीब 8 से 9 किलोमीटर लंबा यह पैदल मार्ग हनुमानचट्टी से शुरू होकर निषणी गांव से गुजरता है। प्राकृतिक सुंदरता, बुग्यालों और घने जंगलों से सजे इस रास्ते में ट्रैकर्स को रोमांच के साथ-साथ अध्यात्मिक अनुभव भी मिलेगा, क्योंकि यह यमुनोत्री धाम की पौराणिक यात्रा मार्ग से जुड़ा हुआ है। पर्यटन विभाग का कहना है कि इस घोषणा के बाद प्रदेश में ट्रैकिंग और नेचर टूरिज्म को नई दिशा मिलेगी और उत्तराखंड के साहसिक पर्यटन मानचित्र पर यह क्षेत्र प्रमुख स्थान हासिल करेगा।

 

 

 

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

To Top