उत्तराखंड

बद्रीनाथ में इको पर्यटक शुल्क के लिए फास्टैग व्यवस्था शुरू, जाम से मिलेगी राहत..

बद्रीनाथ में इको पर्यटक शुल्क के लिए फास्टैग व्यवस्था शुरू, जाम से मिलेगी राहत..

 

 

 

उत्तराखंड: चारधाम यात्रा के दौरान बद्रीनाथ धाम जाने वाले यात्रियों को अब इको पर्यटक शुल्क के भुगतान के लिए लंबी कतारों में नहीं लगना पड़ेगा। इस बार नगर पंचायत बद्रीनाथ ने फास्टैग के माध्यम से शुल्क वसूलने की व्यवस्था शुरू करने का निर्णय लिया है। इस पहल का उद्देश्य धाम क्षेत्र में लगने वाले ट्रैफिक जाम को कम करना और पर्यटकों को सुविधा प्रदान करना है। यात्रा सीजन के दौरान बद्रीनाथ धाम में प्रतिदिन 1000 से अधिक छोटे-बड़े वाहन पहुंचते हैं, जिससे ट्रैफिक और शुल्क कलेक्शन में खासी दिक्कतें आती हैं। फास्टैग से शुल्क वसूली शुरू होने के बाद न केवल यातायात की गति बनी रहेगी, बल्कि यात्रियों को भी परेशानी से राहत मिलेगी। नगर पंचायत की टीम इस नई प्रणाली को लागू करने के लिए आवश्यक तकनीकी तैयारियों में जुटी हुई है।

बद्रीनाथ धाम में चारधाम यात्रा के दौरान हर साल भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं, जिससे ट्रैफिक व्यवस्था चरमरा जाती है। अब इस स्थिति से निपटने और यात्रियों को बेहतर सुविधा देने के लिए नगर पंचायत बद्रीनाथ फास्टैग के जरिए इको पर्यटक शुल्क वसूलने की योजना पर काम कर रही है। फिलहाल यह शुल्क देवदर्शनी नामक स्थान पर लिया जाता है। अभी तक नगर पंचायत के कर्मचारी क्यूआर कोड और नकद के माध्यम से यह शुल्क वसूलते हैं। लेकिन इस प्रक्रिया में समय ज्यादा लगता है, जिससे वहां वाहनों की लंबी कतारें लग जाती हैं और जाम की स्थिति बन जाती है। कई बार पुलिस को इस जाम को हटाने में खासी मशक्कत करनी पड़ती है। अब इस पुरानी व्यवस्था को बदलते हुए फास्टैग आधारित ऑटोमैटिक शुल्क वसूली प्रणाली लागू की जाएगी। इससे न केवल समय की बचत होगी, बल्कि वाहनों की निर्बाध आवाजाही भी होगी।

बद्रीनाथ धाम में चारधाम यात्रा के दौरान इको पर्यटक शुल्क के भुगतान के लिए बसों से 100 रुपये और छोटे वाहनों से 70 रुपये शुल्क लिया जाएगा। नगर पंचायत बद्रीनाथ की ओर से इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले इस व्यवस्था को लागू कर लिया जाएगा। नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी सुनील पुरोहित का कहना हैं कि इस नई व्यवस्था के माध्यम से वाहनों की तेज आवाजाही सुनिश्चित की जाएगी, जिससे जाम की स्थिति से बचा जा सके। ज्योतिर्मठ के एसडीएम/प्राधिकृत अधिकारी चंद्रशेखर वशिष्ठ ने भी पुष्टि की कि इको पर्यटक शुल्क फास्टैग के माध्यम से लिया जाएगा और इसे यात्रा के शुरू होने तक पूरी तरह से चालू कर दिया जाएगा।

हेलीकॉप्टर कंपनियों से मैनुअल लिया जाएगा शुल्क..

बद्रीनाथ धाम में यात्रा के दौरान उड़ान भरने वाली हेलीकॉप्टर कंपनियों से इस बार इको पर्यटक शुल्क मैनुअल तरीके से लिया जाएगा। नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी सुनील पुरोहित ने कहा कि यात्राकाल में विभिन्न हेलीकॉप्टर कंपनियां बद्रीनाथ धाम के लिए सेवा प्रदान करती हैं, और प्रत्येक हेलीकॉप्टर से 1000 रुपये शुल्क लिया जाएगा। यह मैनुअल तरीके से शुल्क लिया जाएगा, जो हेलीकॉप्टर कंपनियों द्वारा तय की गई प्रक्रिया के तहत किया जाएगा। इस व्यवस्था के तहत यात्रियों को हेलीकॉप्टर से यात्रा करने के साथ-साथ इको पर्यटक शुल्क का भुगतान भी करना होगा।

पर्यावरण संरक्षण की गतिविधियां होंगी संचालित..
बद्रीनाथ धाम में यात्र वाहनों से लिए जाने वाले इको पर्यटक शुल्क से धाम क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण की गतिविधियां संचालित की जाती हैं। धाम में यात्राकाल में टनों कूड़ा एकत्रित होता है। इसके साथ ही बद्रीनाथ मंदिर क्षेत्र में भी कूड़ा प्रबंधन किया जाता है। देश के प्रथम गांव माणा में भी इको पर्यटक शुल्क से पर्यावरण संरक्षण की गतिविधियां संचालित की जाती हैं।

 

 

 

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