उत्तराखंड

आठ भाषाओं में जारी हुआ चारधाम यात्रा ब्रॉशर, जानें तीर्थयात्रियों को क्या मिलेगी जानकारी..

आठ भाषाओं में जारी हुआ चारधाम यात्रा ब्रॉशर, जानें तीर्थयात्रियों को क्या मिलेगी जानकारी..

 

उत्तराखंड: श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति द्वारा देश-विदेश की आठ भाषाओं में यात्रा ब्रॉशर और कैलेंडर का प्रकाशन किया गया है जिससे प्रशासन यात्रा को अधिक सुगम और सुव्यवस्थित बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। सीएम पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में चल रही तैयारियां यात्रियों की सुरक्षा, सुविधा और धार्मिक अनुभव को बेहतर बनाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। इससे देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालु अपनी भाषा में यात्रा से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। जिससे उनकी यात्रा अधिक सुगम और सुचारू होगी। यह एक महत्वपूर्ण पहल है जो श्रद्धालुओं को चारधाम यात्रा से जुड़ी आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराने में मदद करेगी।

यह पहल चारधाम यात्रा को अधिक सुगम बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के मार्गदर्शन और सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे के निर्देश पर हिंदी, अंग्रेजी, गुजराती, बंगाली, मराठी, तेलुगू, कन्नड़ और मलयालम जैसी आठ प्रमुख भाषाओं में यात्रा ब्रॉशर का प्रकाशन किया गया है। इससे विभिन्न राज्यों से आने वाले यात्रियों को यात्रा संबंधी जानकारी आसानी से समझने में मदद मिलेगी। यह विशेष रूप से उन श्रद्धालुओं के लिए उपयोगी होगा जो हिंदी या अंग्रेजी के अलावा अन्य भाषाओं में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं। इसके साथ ही यात्रा कैलेंडर के माध्यम से श्रद्धालु अपनी यात्रा को बेहतर तरीके से योजनाबद्ध कर सकेंगे, जिससे उनकी यात्रा अधिक सुगम और व्यवस्थित होगी।

यह यात्रा ब्रॉशर श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत उपयोगी साबित होगा, क्योंकि इसमें उत्तराखंड के प्रमुख तीर्थ स्थलों की विस्तृत जानकारी दी गई है। बद्रीनाथ , केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री जैसे चारधाम के साथ ही, पंच बद्री, पंच केदार और बद्रीनाथ धाम के अधीनस्थ मंदिरों की जानकारी भी श्रद्धालुओं को मिलेगी। इसके साथ ही इस ब्रॉशर में शीतकालीन यात्रा स्थलों की जानकारी भी दी गई है, जो उन यात्रियों के लिए महत्वपूर्ण होगी जो सर्दियों में इन धार्मिक स्थलों की यात्रा करना चाहते हैं। शीतकालीन गद्दीस्थलों का उल्लेख विशेष रूप से उपयोगी होगा, क्योंकि चारधाम के कपाट बंद होने के बाद भी श्रद्धालु वहां जाकर दर्शन कर सकते हैं। यह पहल यात्रा को अधिक सुविधाजनक और योजनाबद्ध बनाने में मदद करेगी, जिससे तीर्थयात्रियों को धार्मिक स्थलों के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व की भी जानकारी प्राप्त होगी।

 

 

 

 

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