उत्तराखंड

नई भर्तियों में क्षैतिज आरक्षण पर विधिक राय ले रही सरकार..

नई भर्तियों में क्षैतिज आरक्षण पर विधिक राय ले रही सरकार..

हाईकोर्ट में विचाराधीन है मामला..

 

 

उत्तराखंड: प्रदेश में लोक सेवा आयोग, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग व अन्य भर्ती संस्थाओं की नई भर्तियों में 10 प्रतिशत राज्य आंदोलनकारी क्षैतिज आरक्षण पर पेच फंस गया है। हाईकोर्ट में मामला विचाराधीन है। अब इस पर 22 अक्तूबर को अगली सुनवाई होनी है। इससे पहले अब तक हाईकोर्ट से आए निर्देशों पर सरकार विधिक राय ले रही है। बता दे कि सरकार ने प्रदेश में सभी भर्तियों में राज्य आंदोलनकारियों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का एक्ट लागू किया था। इस आधार पर राज्य लोक सेवा आयोग और अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने नई भर्तियों के विज्ञापन भी जारी कर दिए थे। इस बीच आरक्षण के विरोध में कुछ लोग हाईकोर्ट पहुंच गए।

हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रितु बाहरी और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए 19 सितंबर को सरकार से पूछा था कि राज्य आंदोलनकारियों के लिए 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण किस आधार पर तय किया, जवाब दाखिल करने के लिए सरकार को छह हफ्ते का समय देते हुए डाटा भी तलब किया था।

इसके बाद पांच अक्तूबर को हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रितु बाहरी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने देहरादून निवासी भुवन सिंह व अन्य के प्रार्थनापत्र पर सुनवाई करते हुए कहा था कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन होने की जानकारी दी जाए। याचिकाकर्ता ने आयोग के विज्ञापनों को लेकर यह प्रार्थना पत्र दिया था। अब हाईकोर्ट के निर्देशों के चलते फिलहाल भर्तियां लटक गई हैं। सरकार इस पर विधिक राय ले रही है। अपर मुख्य सचिव कार्मिक आनंद बर्द्धन का कहना है कि मामले में विधिक राय लेने के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा।

 

 

 

 

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

To Top