जिला चिकित्सालय में विधिक शिविर का आयोजन…
रुद्रप्रयाग। विश्व आत्महत्या निषेध दिवस के अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से जिला चिकित्सालय में विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर की अध्यक्षता जिला प्राधिकरण की सचिव एवं सिविल जज (सीडि) श्रीमती आरती सरोहा ने की। उन्होंने बताया कि आत्महत्या करना एक मनोवैज्ञानिक विषय है।
आज के युग में हर व्यक्ति किसी ना किसी प्रकार के मानसिक तनाव से ग्रस्त है और यदि समय रहते इस तनाव पर काबू नहीं पाया गया तो इस तनाव के कारण व्यक्ति कभी-कभी आत्महत्या जैसा बड़ा कदम उठा सकता है। स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है, इसलिए हमें अपने खान-पान में सुधार करके व्यायाम एवं योगा आदि को अपनी दिनचर्या में नियमित रूप से शामिल करना चाहिए, जिससे हमारा शरीर तो स्वस्थ होगा ही साथ ही हमारी मानसिक स्थिति भी सुदृढ़ होगी।
बताया कि समाज के निर्धन एवं अन्य जरूरतमंद लोगों को निःशुल्क कानूनी सहायता प्रदान करना ही विधिक सेवा प्राधिकरण का उद्देश्य है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का कार्यालय जनपद न्यायालय में स्थित है। कोई भी जरूरतमंद व्यक्ति कार्यालय में प्रार्थना पत्र देकर निःशुल्क कानूनी जानकारी एवं कानूनी सहायता प्राप्त कर सकता है।
शिविर में उपस्थित अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ जीतेन्द्र नेगी ने आत्महत्या के कारण एवं आत्महत्या जैसे कृत्य को रोकने के लिए क्या-क्या उपाय अपनाए जा सकते हैं, पर विस्तार से चर्चा की और बताया कि काॅउन्सलिंग इसका बेहतर विकल्प है। एसआई ज्योति पंवार ने शिविर में उपस्थित आमजन को महिलाओं के प्रति बढते अपराधों की जानकारी दी।
बताया कि यदि किसी महिला के प्रति कोई अपराध कारित किया जाता है तो चुप रहकर सहने के वजाय उसकी शिकायत की जानी चाहिए, जिससे दोषी को दण्ड दिया जा सके और वह अन्य के प्रति इस प्रकार का अपराध कारित ना कर सके। शिविर में इंचार्ज मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डाॅ डीएस रावत, पीएल वीगण चन्द्र लाल, गीता सेमवाल, कमला रावत एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।