नेवी के आफिसर ने बंजर भूमि को आबाद कर कैंसर और किडनी की बीमारियों के औषधीय पौधे उगाई
मर्चेट नेवी में चीफ आफिसर पद पर रहे अजय पंवार ने गांवों में तैयार की पौधशाला
गांवों में 54 परिवारों को दिया रोजगार
दिल्ली, पुणे, चढ़ीगढ़ और जम्मू भेजा जायेगा उत्पादित सामान
मनमोहन सिंधवाल
श्रीनगर। जो भूमि ग्रामीणों ने छोड़ दी थी और गांव में लगभग 3एकड़ भूमि 30 सालों से बंजर पड़ी थी, उस भूमि को आबाद कर मर्चेट नेवी मेंचीफ आफिसर के पद पर रहे अजय पंवार ने 13 साल नौकरी करने के बाद गांव में यूरोपीयन हर्बल खेती तैयार की है। जिसमें अब कैंसर और किडनी की घातक बीमारियों की दवा बनानी वाली पौध तैयार की है। जो यूरोपीयन हर्बल खेती की तर्ज पर तैयार किया है।यूरोपीयन हर्बल प्लांट्स के साथ ही विभिन्न विदेशी साग-सब्जियों भी तैयार की है। जिससे आज गांव के 54परिवारों को भी गांव में रोजगार देने की एक मिशाल कायम की है।
यह पौधशाला टिहरी जिले के कीर्तिनगर ब्लॉक के धार पैयाकोटी गांव में तैयार की है। जिसमें विगत तीन माह की मेहनत के बाद यूरोपीयन खेती की तर्ज पर ग्रामीणों की मदद से अजय पंवार ने तीन एकड़ भूमि को हरा-भरा किया है। जिसमें दवाईयों में प्रयोग होने वाली औषधीय पौधों का उगाया है। जबकि फाइव स्टार होटलों में खाने में प्रयोग होने वाले ऑयल एवं खाने को खुशबूदार बनाने वाली विभिन्न पौध तैयार की है।
बंजर भूमि को आबाद करने वाले अजय पंवार ने बताया कि गांव में पलायन रोकने के लिए इस तरह की हर्बल खेती करनी जरूरी है। इससे ग्रामीणों को रोजगार भी मिलेगा। जबकि औषधीय पौधे उगाने के साथ अब गांवों में कंडाली, बुरांश को भी जल्द मेडिसन के रूप में उपयोग करने के लिए कार्य किये जायेगे। पंवार ने बताया कि यूरोपीयन हर्बल तैयार करने के बाद जम्मू, दिल्ली, पुणे की औषधीय कंपनियों के साथ एग्रीमेंट किया गया है। जिससे गांवों के 54 परिवारों को भी रोजगार मिला है। मुख्य फोकस रोजगार और इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है। अजय पंवार के साथ कैप्टन अजय सिंह, चीफ आफिसर हरमन जीत, वैज्ञानिक डॉ. एसके बख्शी का भी विशेष योगदान है। इधर एसडीएम कीर्तिनगर नुपूर वर्मा ने कहा कि क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक कार्य है। इसी तरह के कार्य अन्य गांवों में भी विकसित हो इसके लिए प्रयास किये जायेगे।
ये है औषधीय पौध-
रोजमेरी इटालियन, रोजमेरी फ्रेंच ऑयल व खाने में खुशबूदार महक लाने, डेंडिलियन पौध कैंसर की दवा बनाने, लैवेंडर परफ्यूम बनाने, ग्लोबल आटिचोक किडनी की दवा बनाने, थाइम खाने में खुशबू लाने तथा ऑरेगानो और कैमोमाइल ऑयल बनाने जैसे पौध तैयार किये है। इसके अलावा कॅलर कैप्सिकम, ब्रोकोली, आईस बर्ग, क्रस्टिल टमाटर की पौध भी तैयार की है। जो विशेषकर बाहरी देशों में उगाई जाती है।
on”धार-पैयाकोटी गांव यरोपीयन हर्बल प्लांट्स उगाकर एक सराहनीय कार्य है। इससे इको टूरिज्म को भी बढ़ावा देने के साथ ही गांव में रोजगार मिलेगा। मनरेगा के तहत पानी के टैंक बनाने सहित अन्य कार्य किये है। अन्य विभागों को भी इससे जोड़ा जायेगा, जिससे इस तरह के कार्य अन्य गांवों में भी कराये जायेगे।
आशीष भटगांई, सीडीओ टिहरी।”