उत्तराखंड

अलकनंदा नदी में बहे चार लोगों का नहीं लगा सुराग़

मैक्स दुर्घटना, दो की मौत, चार लोग अभी भी लापता,
हरिद्वार और ऋषिकेश से मंगाई गई हैं गोताखोरों की टीम
टीम द्वारा चलाया गया है रेस्क्यू
मटमेला पानी होने और तेज बहाव के कारण आ रही हैं दिक्कतें
आपदाग्रस्त जनपद होने के बाद भी व्यवस्थाएं नहीं है पूरी
रुद्रप्रयाग। रुद्रप्रयाग के जवाड़ी बाईपास पर हुए हादसे में दो लोगों की मौत हो गई है, जबकि एक व्यक्ति की गंभीर हालत बनी हुई है। बाकी के चार लोगों की ढूंढखोज की जा रही है। नदी का बहाव तेज होने और मटमेला पानी होने से रेस्क्यू टीम को दिक्कतें हो रही है, जिससे काफी समय लग रहा है। प्रशासन की ओर से लापता लोगों की तलाश के लिए हरिद्वार और ऋषिकेश से गोताखोरों की टीम बुलाई गई है, जो शनिवार सुबह से ही अलकनंदा नदी में अभियान चलाये हुए हैं।

आपको बता दें कि लगातार तीन दिनों से मौसम खराब होने के कारण जगह-जगह राजमार्ग और लिंक मार्गों की स्थिति खराब हो गई है। मोटरमार्गों पर आये मलबे और बोल्डर गिरने से यात्रियों को आवागमन करने में भारी दिक्कतें हो रही हैं। ऐसे में दुर्घटनाएं भी बढ़ती जा रही हैं। शुक्रवार को रुद्रप्रयाग के जवाड़ी बाईपास पर मैक्स वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हरेक व्यक्ति राजमार्ग की दुर्दशा को दुर्घटना का कारण बता रहा हैं। चार साल पहले आई आपदा में जवाड़ी बाईपास जगह-जगह धंस गया था, जिसका ट्रीटमेंट आज तक नहीं हो पाया है, जिस जगह पर यह हादसा हुआ, वहां पर राजमार्ग काफी संकरा है। दो वाहन यहां पर पास नहीं हो सकते। ऐसे में दुर्घटना की संभावनाएं बनी हुई थी, बावजूद इसके प्रशासन का ध्यान कभी इस ओर नहीं गया। मैक्स दुर्घटना के प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो वाहन के नीचे गिरते समय एक व्यक्ति छिंटकर पहाड़ी पर गिरा, जिसके ऊपर से वाहन गिरा और एक महिला जोर से चिल्लाई। जिससे यह पता चला कि वाहन में एक महिला भी, जिसका दुपट्टा अभी भी घटना स्थल पर मौजूद है।

घटना के बाद पुलिस और आर्मी के जवानों ने तेजी से रेस्क्यू का कार्य किया, जिससे चार लोगों को राजमार्ग पर लाया गया। घटना में मौके पर ही एक व्यक्ति की मौत हो गई थी, जबकि एक व्यक्ति की बेस चिकित्सालय ले जाते समय मौत हुई। बाकी के दो लोगांे में एक की हालत काफी नाजुकी बनी हुई है। इस घटना के बाद से जिले में माहौल काफी गमगीन बना है। जैसे ही किसी को घटना की जानकारी मिली, हरकोई अपने परिजनों की फोन पर सलामत होने सूचना लेता रहा।

वहीं जिलाधिकारी का कहना है कि घटना के बाद वाहन और अन्य चार लोगों की ढूंढ-खोज के लिए घोताखोर की टीम मंगाई गई है। ऋषिकेश और हरिद्वार से आई दो गोताखोरों की टीम सुबह से ही रेस्क्यू अभियान चलाये हुए है। अकलनंदा नदी का बहाव तेज होने और पानी मटमेला होने से दिक्कतें आ रही हैं। जो लोग लापता चल रहे हैं, उनके परिजनों द्वारा गुमशुदा होने की रिपोर्ट लिखाई गई है। वाहन के मिलने के बाद ही लापता लोगों का पता चल पायेगा और सही स्थिति भी सामने आ जायेगी।

आपदा की दृष्टि से रुद्रप्रयाग अति संवेदनशील जनपद है। हर वर्ष मानसून सीजन में आपदाएं और दुर्घटनाएं होना आम बात हो गई है, लेकिन दुख इस बात का है कि वर्ष 2013 की महाप्रलय आपदा के बाद भी शासन और प्रशासन सोया हुआ है। मानसून सीजन को देखते हुए अगर पहले से ही जनपद में गोताखोरों की टीम को तैनात किया जाता, तो आज लापता लोगों की ढूंढखोज में इतना लम्बा वक्त नहीं लगता।

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