सोनप्रयाग से गौरीकुंड हाइवे के बीच प्रस्तावित 750 मीटर लंबे फ्लाईओवर ब्रिज का निर्माण।
रुद्रप्रयाग : केदारनाथ यात्रा के प्रमुख पड़ाव सोनप्रयाग में आपदा के पांच साल बाद भी कई पुनर्निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाए हैं। इनमें मुख्य है सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच प्रस्तावित 750 मीटर लंबे फ्लाईओवर ब्रिज का निर्माण। जिसे केदारनाथ आपदा के बाद पुनर्निर्माण कार्यों की सूची में शामिल किया गया था। जून 2013 की आपदा ने केदारनाथ के साथ ही गौरीकुंड व सोनप्रयाग के बीच भारी तबाही मचाई थी। सोनप्रयाग से आगे गौरीकुंड तक हाईवे का पूरी तरह नामोनिशान मिट गया था। साथ ही सोनप्रयाग कस्बे का 70 फीसदी हिस्सा भी बाढ़ की भेंट चढ़ गया था। हालांकि, इन पांच वर्षों के दौरान सोनप्रयाग में अमेरिकी तकनीक से बेली ब्रिज, बहुमंजिली पार्किंग व अन्य कई पुनर्निर्माण कार्य हो चुके हैं।
लेकिन, सोनप्रयाग व गौरीकुंड के बीच बनने वाले फ्लाईओवर ब्रिज का निर्माण आज तक शुरू नहीं हो पाया। जबकि, इस फ्लाईओवर के निर्माण से सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच यातायात पूरी तरह सुरक्षित हो जाएगा। दरअसल, अब तक गौरीकुंड से सोनप्रयाग के बीच हाइवे सिंगल लेन है। जिस कारण इस पर गेट सिस्टम से वाहनों की आवाजाही होती है। जब सोनप्रयाग से गौरीकुंड के लिए गेट छूटता है तो सोनप्रयाग आने वाले वाहनों को गौरीकुंड में ही रोक दिया जाता है। इसी को देखते हुए गौरीकुंड से सोनप्रयाग को जोड़ने के लिए 500 करोड़ की लागत से फ्लाईओवर ब्रिज बनाने का निर्णय लिया गया। इस पर वर्ष 2015 में कार्य शुरू होना था, लेकिन फिर मामला लटकता चला गया। इसके अलावा गौरीकुंड में लगभग 24 करोड़ के बाढ़ सुरक्षा कार्य भी अभी शुरू नहीं हो पाए हैं।
आपदा के बाद अब तक हुए कार्य सोनप्रयाग में बहुमंजिला पार्किंग व शॉपिंग कॉम्पलेक्स, लागत 65 करोड़। अमेरिकी तकनीक से सोनप्रयाग में बेली ब्रिज का निर्माण, लागत 36 करोड़। सीतापुर व सोनप्रयाग में बाढ़ सुरक्षा कार्य, लागत 30 करोड़। सीतापुर में पार्किंग का निर्माण, लागत 45 करोड़।
जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल का कहना है कि सोनप्रयाग व आसपास पुनर्निर्माण कार्य चल रहे हैं, कई कार्य पूरे हो चुके हैं, जबकि बहुमंजिला पार्किंग का निर्माण अंतिम चरण में है। फ्लाईओवर ब्रिज से संबंधित औपचारिताएं पूरी होने के बाद इस पर भी कार्य शुरू हो जाएगा।