उत्तराखंड

बारहों महीने बिजली से जगमग रहेगी केदारपुरी

केदारनाथ में अब साल भर बिजली की आपूर्ति रहेगी। इसके लिए केदारनाथ में भूमिगत बिजली की लाइन बिछाने का काम चल रहा है। 

रुद्रप्रयाग : केदारनाथ में अब साल भर बिजली की आपूर्ति रहेगी। इसके लिए केदारनाथ में भूमिगत बिजली की लाइन बिछाने का काम चल रहा है। यह कार्य आगामी यात्रा सीजन तक पूरा कर लिया जाएगा।

यह लाइन 21 किमी लंबी होगी, जिसमें सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक पांच किमी और छानी से केदारनाथ में तीन लाइन बिछाने का कार्य पूरा हो चुका है। इससे जहां अधिक बर्फबारी होने पर धाम में विद्युत लाइन टूटने की समस्या से निजात मिलेगी, वहीं ऊर्जा निगम की परेशानियां भी काफी हद कम हो जाएंगी। साथ ही केदारपुरी में हर समय बिजली की सप्लाई भी बनी रहेगी।

केदारनाथ में भूमिगत विद्युत लाइन बिछाने की कवायद लंबे समय से चल रही थी। दरअसल, शीतकाल के दौरान अत्याधिक बर्फबारी के कारण केदारनाथ में विद्युत लाइनें पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। जिससे ऊर्जा निगम को प्रतिवर्ष यहां नई लाइन डालनी पड़ती है। इसी समस्या से निपटने को सरकार ने आपदा के बाद सोनप्रयाग से केदारनाथ तक भूमिगत विद्युत लाइन बिछाने का निर्णय लिया था। इसके तहत केंद्र से एसपीएआर (स्पेशल प्रोजेक्ट असिस्टेंस रिकंस्ट्रक्शन) के तहत 21 करोड़ की लागत से 11 केवी विद्युत लाइन के निर्माण को स्वीकृति मिली।

वर्ष 2016 में 21 किमी लंबी इस लाइन का सर्वे भी पूर्ण कर लिया गया। सर्वे टीम ने c के साथ मंदाकिनी नदी के दोनों किनारों पर स्थित कठोर एवं हल्की चट्टानों और भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र का भी भौगोलिक सर्वेक्षण किया। वर्ष सितंबर में निगम की ओर से टेंडर निकाले गए, जिसमें जम्मू-कश्मीर की कंपनी पीर पंजाल कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लि. को निर्माण का जिम्मा मिला। कंपनी ने समस्त औपचारिकताएं पूर्ण करने के बाद सितंबर में ही योजना पर कार्य भी शुरू कर दिया था। ऊर्जा निगम ऊखीमठ एसडीओ अर्चित भट्ट ने बताया कि अब तक सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच पांच किमी और छानी से केदारनाथ के बीच तीन किमी क्षेत्र में लाइन बिछाई जा चुकी है। शेष कार्य भी अगले यात्रा सीजन से पहले पूरा कर लिया जाएगा।

योजना के पूरी तरह धरातल पर उतरने के बाद सोनप्रयाग से केदारनाथ के बीच पड़ने वाले यात्रा पड़ावों पर वर्षभर बिजली की आपूर्ति बनी रहेगी। साथ ही शीतकाल के दौरान अधिक बर्फबारी पर भी लाइनें सुरक्षित रहेंगी। केदारनाथ उत्तराखंड का पहला धाम है, जहां विद्युत लाइन को भूमिगत किया जा रहा है।

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