गणतंत्र दिवस के दिन राजपथ पर होने वाली परेड में दिखाए जाने के लिए उत्तराखंड की झांकी का चयन हो गया है। चयनित झांकी ‘ग्रामीण पर्यटन’ की थीम पर आधारित है। रक्षा मंत्रालय ने झांकी के चयन पर अंतिम मुहर लगाई। प्रदेश के सूचना महानिदेशक डाक्टर पंकज कुमार पाण्डेय ने बताया कि भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के अधीन गठित विशेषज्ञ समिति के सामने इस बार 30 राज्यों और 20 मंत्रालयों ने अपने प्रस्ताव रखे थे, जिसमें से 14 राज्यऔर सात मंत्रालयों की झांकियों का चयन किया गया।पर मुहर लगी है।
उत्तराखंड की ग्रामीण पर्यटन आधारित झांकी के अग्र भाग में काष्ठ कला से निर्मित भवन व पारंपरिक परिधान पहन कर पयर्टकों का स्वागत करते महिला व पुरूषों को दर्शाया जाएगा। मध्य भाग में पारंपरिक नृत्य, ग्रामीण परिवेश, जैव विविधता तथा पर्यटकों का आवागमन दिखाया जाएगा। झांकी के पृष्ठ भाग में होम स्टे हेतु वास्तु शिल्प के भवन, योग-ध्यान व बर्फ से ढके पहाड़ को दर्शाया जाएगा।
राज्य गठन से लेकर अभी तक उत्तराखण्ड द्वारा वर्ष 2003 में ‘फूलदेई‘, वर्ष 2005 में ‘नंदा राजजात, वर्ष 2006 में ‘फूलों की घाटी‘, वर्ष 2007 में ‘कार्बेट नेशनल पार्क, वर्ष 2009 में ‘साहसिक पर्यटन‘, वर्ष 2010 में ‘कुंभ मेला‘, वर्ष 2014 में ‘जड़ी-बूटी, वर्ष 2015 में ‘केदारनाथ‘ तथा वर्ष 2016 में ‘रम्माण‘ विषयों की झांकियों का प्रदर्शन राजपथ पर किया जा चुका है।