मंचन देखने बड़ी संख्या में धियाणियां पहंुची थी गांव
रुद्रप्रयाग। जखोली ब्लाॅक के तिमली भरदार में चल रही पांडव लीला पौराणिक विधि-विधान के साथ सम्पन्न हो गई है। समापन अवसर पर पांडवों ने पश्वा रुप में अवतरित होकर उपस्थित श्रद्धालुओं को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद दिया। पांडव लीला में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में धियाणियां गांव में पहुंची थी।
पिछले माह 13 दिसम्बर से तिमली भरदार में पांडव लीला का शुभारंभ हुआ था। करीब नौ वर्ष बाद हुए इस धार्मिक आयोजन में हजारों की संख्या में प्रवासी अपने गांव पहुंचे हुए थे।
इससे पूर्व रातभर अस्त्र-शस्त्रों के साथ पांडव नृत्य चला, जिसमें गेंडे का कौथिग आकर्षण का केन्द्र बना रहा। गेंडा मरने के बाद पांडवों ने जौ की फसल बौने के साथ ही उसे काटने का पूरा सजीव चित्रण किया गया। इस दौरान पांडवों के गोत्र हत्या से लेकर भगवान शिव के दर्शनों के लिए हिमालय गमन घटनाक्रम का मंचन किया। इस बीच भक्तों के जयकारों के साथ यहां का पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। समापन अवसर पर माता कुंती व भगवान नारायण ने प्रसाद के रूप में श्रद्धालुओं को फल वितरित किए। इस दौरान पुजारी ने पांडवों के अस्त्र-शस्त्रों की भी विशेष पूजा अर्चना की। ढोल-दमाऊं की थाप पर पांडवों के साथ ही स्थानीय लोगों ने जमकर नृत्य किया।
इस मौके पर पांडवलीला समिति के अध्यक्ष ज्ञानकुसुम भट्ट, प्रधान प्रमिला देवी, कृपाल सिंह भंडारी, पूर्व प्रधान जय सिंह भंडारी, रामलीला कमेटी के अध्यक्ष योगेन्द्र भंडारी, सच्चिदानंद भट्ट, महावीर बुटोला, मस्तान सिंह, ज्योति प्रकाश भट्ट, रामानंद भट्ट, सते सिंह भंडारी, आनंद सिंह, जय सिंह, प्रेम प्रकाश भट्ट, हुकम सिंह भंडारी, रघुवीर सिंह भंडारी, राजेन्द्र सिंह रावत, विक्रम सिंह भंडारी, सुजान सिंह भंडारी, सुजान सिंह बुटोला, बलवंत सिंह बुटोला, नरेन्द्र भंडारी, जागरी कमल सिंह पंवार, कैलाश भंडारी, मनबर सिंह, जगदीश बुटोला, अनिल बुटोला, अवतार सिंह भंडारी, विशाल भंडारी समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।