विसुअल – दीवारों पर उकेरे गये रुद्रप्रयाग में पाये जाने वाले पशु-पक्षियों के विसुअल हैं।
अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं दीवारों पर उकेरे गये रुद्रप्रयाग में पाये जाने वाले पशु-पक्षियों के चित्र
रुद्रप्रयाग के जंगलों में पाये जाने वाले पशु-पक्षियों को दर्शाया गया है चित्रों को जरिये
आम जनता के बीच आकर्षण का केन्द्र बनी यह चित्रकारी
रुद्रप्रयाग – अगर आपकों रुद्रप्रयाग के जंगलों में पाये जाने वाले पशु-पक्षियों का दीदार करना है तो चले आईये रुद्रप्रयाग वन विभाग कार्यालय में। वन विभाग कार्यालय रुद्रप्रयाग की दीवारों पर जनपद के जंगलों में पाये जाने वाले अनेक प्रकार के पशु-पक्षियों के चित्रों को संयोया गया है। इनमें गुलदार, हिमालय गुलदार, राज्य पक्षी मोनाल, हिरन, कस्तूरी मृग प्रमुख हैं।
रुद्रप्रयाग वन विभाग का कार्यालय इन दिनों नया नजर आ रहा है। कार्यालय की सभी दीवारों पर रुद्रप्रयाग के जंगलों में पाये जाने वाले पशु-पक्षियों के चित्र उकेरे गये हैं। यह चित्र हरेक व्यक्ति को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। कार्यालय की दीवारों को देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि हम किसी जंगल में आ गये हैं। दीवारों पर रुद्रप्रयाग के जंगलों में पाये जाने वाले गुलदार, हिमालय लेपर्ट, भालू, राज्य पक्षी मोनाल, कस्तूरी मृग, हिरन आदि के चित्र उकेरे गये हैं….
चित्रकार संदीप पंवार के ने बताया कि रुद्रप्रयाग जिला प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है। मंदाकिनी का उदगम भी यहीं से है। विश्व प्रसिद्ध धाम केदारनाथ भी जिले में स्थित है। जिले को अलग पहचान दिलाने की मुहिम चलाई जा रही है। वाॅल पेंटिंग के जरिये मुख्य भवनों की दीवारों में यहां की ऐतिहासिक चीजों को दर्शाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रभागीय वन कार्यालय में एक नये तरीके की कलाकारी की जा रही है।
प्रभागीय वनाधिकारी वैभव कुमार ने बताया कि वन और वन्य जीवों के प्रति आमजन में संवेदनशीलता पैदा करने व जागरूक करने के उद्देश्य से यह पहल की गई है। रुद्रप्रयाग वन प्रभाग की ओर से मुहिम चलाई जा रही है। वन प्रभागीय कार्यालय को देखकर अन्य विभाग भी प्रेरित होंगे और वे भी इस कार्य को करवायेंगे।