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शादी के 15 दिन बाद छोड़कर चला गया पति, खुद कमाकर बनी IAS..

शादी के 15 दिन बाद छोड़कर चला गया पति, खुद कमाकर बनी IAS..

देश-विदेश: UPSC की सिविल सेवा की परीक्षा पास करने वाली गुजरात की एक मात्र चयनित महिला उम्मीदवार थी, कोमल गनात्रा। काफी संघर्षपूर्ण रहा उनका यहाँ सफर सामाज के ताने और असफल विवाहित जीवन को कोमल ने नजरअंदाज कर अपने आप को सशक्त करने का फैसला लिया और चौथे प्रयास में IRS अफसर बन गयी। हर महिला के लिए प्रेरणा हैं। कोमल की कहानी।

कोमल की शादी 26 साल की उम्र में न्यूज़ीलैण्ड के एक NRI से हो गई थी। उस समय कोमल UPSC के साथ साथ स्टेट PCS की तैयारी भी कर रहीं थी और उनका गुजरात सिविल सेवा का मेंस क्वालीफाई हो चुका था। परन्तु उनके पति ने उन्हें इंटरव्यू में उपस्थित नहीं होने दिया। शादी के 15 दिन बाद ही कोमल के पति न्यूज़ीलैण्ड वापस चले गए और फिर लौट कर वापस नहीं आये। कोमल की लगातार कोशिशों के बावजूद वह कभी अपने पति से दोबारा बात नहीं कर पाई।

 

 

जब कोमल के लगातार कोशिशों के बावजूद कोई भी हल नहीं निकला तो उन्होंने अपने मायके वापस आने का फैसला किया। परन्तु इसके बाद भी उनका जीवन काफी चुनौतीपूर्ण रहा। आर्थिक रूप से सक्षम ना होने के कारण उनमे आत्म सम्मान की कमी बढ़ती चली गयी। साथ ही पड़ोसी और रिश्तेदारों के तानों से उनका जीवन तनावपूर्ण हो चुका था।

UPSC की तैयारी के लिए घर से 40 km दूर एक गाँव में रहीं..

कोमल यह जान चुकी थी कि UPSC की तैयारी के लिए उन्हें समाज से दूर रह कर एकाग्रता से पढ़ना होगा। इसीलिए उन्होंने अपने माता पिता के घर से 40 km दूर एक गाँव में रहने का फैसला लिया। वह उसी गाँव के प्राइमरी स्कूल में पढ़ाने लगीं। कोमल बताती हैं कि वह गाँव इतना पिछड़ा था कि ना तो वह कोई अंग्रेजी अखबार आता था और ना ही कोई मैगज़ीन। उनके पास उस समय इंटरनेट की सुविधा भी नहीं थी। वह हर शनिवार पर रविवार को 150 km की यात्रा कर ऑप्शनल सब्जेक्ट की कोचिंग लेने गाँव से अहमदाबाद जाती थीं।

 

 

3 असफल प्रयासो के बाद कोमल ने 2012 में UPSC की सिविल सेवा परीक्षा पास की UPSC की तैयारी करते हुए उन्होंने एक भी छुट्टी नहीं ली। कोमल कहती हैं कि ओपन लर्निंग से ग्रेजुएशन करने से उन्होंने सेल्फ-स्टडी की अहमियत समझी।

कोमल अपने माता पिता और २ छोटे भाइयों के साथ गुजरात में रहती थी। उनके पिता एक शिक्षक हैं और माता गृहणी हैं। कोमल का कहना है कि उनके पिता हमेशा ही उन्हें जीवन में कुछ करने के लिए प्रोत्साहित करते थे। वह कोमल को एक IAS अफसर बनाना चाहते थे। कोमल बचपन से ही पढ़ाई में काफी होनहार थी।

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