उत्तराखंड

लक्ष्मण ने काटी शूपर्णखा की नाक..

बच्छणस्यूं क्षेत्र के बामसू गांव में रामलीला का आयोजन..

श्रीराम के आदर्श को जीवन में उतारें मोहित डिमरी..

रुद्रप्रयाग:  बच्छणस्यूं क्षेत्र के बामसू गांव में आयोजित रामलीला मंचन में शूपर्णखा की नाक काटने और सीता हरण लीला का मंचन किया गया। इस मौके पर उत्तराखंड के नृत्य निर्देशक अंकुश सकलानी ने अपनी शानदार प्रस्तुति दी।
इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि पहुँचे उत्तराखंड क्रांति दल के युवा नेता मोहित डिमरी ने कहा कि भगवान राम की लीला से सीखकर हम जीवन में हम आगे बढ़ सकते हैं। राम का पूरा जीवन आदर्शों, संघर्षों से भरा पड़ा है।

राम सिर्फ एक आदर्श पुत्र ही नहीं, आदर्श पति और भाई भी थे। भारतीय समाज में मर्यादा, आदर्श, विनय, विवेक, लोकतांत्रिक मूल्यों और संयम का नाम राम है। जो व्यक्ति संयमित, मर्यादित और संस्कारित जीवन जीता है, निःस्वार्थ भाव से उसी में मर्यादा पुरुषोत्तम राम के आदर्शों की झलक परिलक्षित हो सकती है। राम के आदर्श लक्ष्मण रेखा की उस मर्यादा के समान है जो लांघी तो अनर्थ ही अनर्थ और सीमा की मर्यादा में रहे तो खुशहाल और सुरक्षित जीवन।

 

 

रामलीला मंचन के दौरान राम को देखने के बाद शूपर्णखा उन पर मुग्ध हो गई। उसने अपना परिचय राम को इस तरह दिया कि मैं इस प्रदेश में स्वेच्छाचारिणी राक्षसी हूं। यहां मुझसे सब भयभीत रहते हैं। विश्रवा का पुत्र बलवान रावण मेरा भाई है। और मैं तुमसे विवाह करना चाहता हूं। राम ने उसे बताया कि उनका विवाह हो गया है लेकिन उनका छोटा भाई अविवाहित है तो वो उनके पास जाए।लक्ष्मण के पास जाकर भी शूर्पणखा ने विवाह का प्रस्ताव रखा लेकिन लक्ष्मण ने उन्हें मना कर दिया और राम के पास वापस जाने के लिए कहा।

तब राक्षसी शूपर्णखा ने कहा कि वो अभी सीता को मार देगी तो कोई आपके विवाहित होने की समस्या नहीं बचेगी और वो सीता को मारने के लिए जैसी ही आगे बढ़ी, तभी लक्ष्मण ने शूर्पणखा की नाक काट दी थी। इस बात से क्रोधित होकर शूर्पणखा अपने भाई खर के पास गईं तो खर ने राम और लक्ष्मण को मारने के लिए राक्षस भेजे लेकिन राम ने सभी राक्षसों को मार दिया।

 

 

शूपर्णखा अधिक क्रोधित होकर रावण के पास गई तब रावण ने अपनी बहन को आश्वासन दिया कि उसके इस अपमान का वो बदला लेकर रहेगा। रावण ने उसके बाद सीता का अपहरण किया। इस मौके पर स्कूली छात्राओं ने भी रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुति दी। इस मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता प्रकाश रावत, पूर्व प्रधान जयकिशन भट्ट, पूर्व प्रधान प्रदीप मलासी, सभासद संजय रावत, देवेंद्र कंडारी, अमर सिंह नेगी, रूपेश सेमवाल, मुकेश नौटियाल, संजय पांडे, रामलीला कमेटी के अध्यक्ष सुखदेव कंडारी, प्रधान सुधा कंडारी, विक्रम नेगी, गिरीश बिष्ट, संजय कंडारी, सुमित रावत, सूरज कंडारी, बालम सिंह रावत, विक्रम कंडारी, सतपाल सिंह रावत, भजन सिंह, कैलाश कंडारी, गोविंद सिंह कंडारी, लखपत सिन्धवाल सहित बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद थे।

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