उत्तराखंड

जन अधिकार मंच ने जाना व्यापारियों का दर्द

जन अधिकार मंच के चार सदस्यीय दल ने तुंगनाथ घाटी पहुंचकर तुंगनाथ घाटी के पीडित व्यापारियों का दर्द जाना।

ऊखीमठ। जन अधिकार मंच के चार सदस्यीय दल ने तुंगनाथ घाटी पहुंचकर तुंगनाथ घाटी के पीडित व्यापारियों का दर्द जाना। साथ ही दल ने घाटी के व्यापारियों से अनेक सुझाव मांगे। चार सदस्यीय दल को व्यापारियो ने अवगत कराया कि तंुगनाथ यात्रा पड़ावों पर स्थानीय लोग दशकों से व्यवसाय करते आये हैं, मगर आज शासन-प्रशासन और वन विभाग द्वारा उनके व्यवसाय को हटाने का जो प्रयास किया गया है, उससे तुंगनाथ घाटी के हर युवा के सामने दो जून रोटी का संकट खड़ा हो गया है।

स्थानीय व्यापारियों ने दल को अवगत कराया कि स्थानीय लोग घाटी में प्राचीनकाल से भेड़ व भंैस पालन करते आये हैं। समय के अनुसार प्राचीन भेड़ बकरियों के व्यवसाय को बदकर व्यापारिक प्रतिष्ठान खोले गये हैं। जिससे स्थानीय युवाओं की रोजी-रोटी का संचालन होने के साथ ही स्थानीय पर्यटन व्यवसाय को भी बढ़ावा मिल रहा हैं। इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार रमेश पहाडी, अधिवक्ता केपी ढोंडियाल, मंच के अध्यक्ष मोहित डिमरी, उपाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह नेगी, भुपेन्द्र मैठाणी, क्षेत्र पंचायत सदस्य नन्दन सिह रावत, पूर्व प्रधान प्रदीप बजवाल सहित कई व्यापारी मौजूद थे।

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