उत्तराखंड

जन्म से शुरू हो जाता है बच्चे का अधिकार: सरोहा

जन्म से शुरू हो जाता है बच्चे का अधिकार: सरोहा
राइंका जखोली में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन

रुद्रप्रयाग। राजकीय इंटर काॅलेज जखोली में नालसा चाइल्ड फैं्रडली लीगल सर्विस टू चिल्ड्रन के अन्तर्गत विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें उपस्थित छात्र-छात्राओं को विभिन्न विषयों पर कानूनों की विस्तार से जानकारी दी गयी।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव एवं सिविल जज (सीडि) श्रीमती आरती सरोहा ने विधिक सेवा प्राधिकरण के विषय में छात्र-छात्राआंे को बताया कि समाज में महिलाओं, बच्चों, वरिष्ठ नागरिकों एवं ऐसे व्यक्ति जिनकी वार्षिक आय एक लाख से कम हो, उन्हें निःशुल्क विधिक सहायता प्रदान की जाती है। उन्होंने भारतीय संविधान में बच्चों के सम्बन्ध में बताये गये अधिकारों के बारे में भी चर्चा की। बताया कि किसी बच्चे का अधिकार जन्म के समय से ही शुरू हो जाता है।

प्राधिकरण सचिव ने छात्र-छात्राओं को बताया कि यदि किसी व्यक्ति द्वारा भ्रूण हत्या के लिए प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण कराया जाता है तो यह एक अपराध है और छः से चैदह वर्ष की आयु के प्रत्येक बच्चे का निःशुःल्क शिक्षा प्राप्त करना उसका अधिकार है। इसके अलावा प्राधिकरण की सचिव ने छात्रों को यौन अपराधों से बच्चों की सुरक्षा अधिनियम 2012 एवं किशोर न्याय अधिनियम के विधिक प्रावधानों के विषय में भी बताया। बताया कि यदि 18 वर्ष से कम आयु के किसी किशोर द्वारा विधि विरूद्ध कोई कार्य किया जाता है तो उसकी जांच रेगुलर पुलिस द्वारा नहीं, बल्कि बाल कल्याण पुलिस अधिकारी द्वारा की जाती है तथा किशोर के सर्वोत्तम हित एवं सुधारात्मक दृष्टिकोण अपनाते हुए कार्यवाही की जाती है।

इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य डीएस रावत, रसायन विज्ञान प्रवक्ता श्रीमती रश्मि देवली, समाज कल्याण अधिकारी हरीराम गौतम, खण्ड शिक्षा अधिकारी एपी सेमवाल, पुलिस उपनिरीक्षक जंहागीर अली एवं राजस्व उपनिरीक्षक मोहन बिष्ट सहित छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

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