रुद्रप्रयाग जिले में स्कूल खुलने से बच्चों में दिखा भारी उत्साह..
स्कूल खुलने के पहले दिन पचास प्रतिशत बच्चों ने दी उपस्थिति..
रुद्रप्रयाग: सरकार के फैसले के बाद से 9 से 12 तक की कक्षाएं शुरू हो गयी हैं। जनपद में स्कूल खुलने से बच्चों में भारी उत्साह देखने को मिला। जहां स्कूलें खुलने से अभिभावकों में खुशी देखी जा रही हैं, वहीं अध्यापक भी बच्चों के आने से प्रसन्ना जता रहे हैं। बता दें कि कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच उत्तराखंड सरकार ने स्कूल खोलने का फैसला लिया है। सोमवार से पूरे प्रदेश में 9 से 12 तक की स्कूल खुल चुकी हैं और स्कूलों में बच्चों के आने से माहौल भी काफी अच्छा लग रहा है। जनपद में 109 माध्यमिक, 81 इंटर काॅलेज एवं 28 हाईस्कूल हैं। स्कूलों के खुलने से बच्चों में भारी उत्साह बना हुआ है।
हालांकि स्कूल खुलने के पहले दिन 50 प्रतिशत बच्चों ने ही उपस्थिति दी, लेकिन धीरे-धीरे सभी बच्चे स्कूलों में आने लगेंगे। सरकार की ओर से स्कूल तो खोल दिए गए हैं, लेकिन पठन-पाठन के अलावा प्रार्थना सभा, बाल सभा, खेल, संगीत, सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं अन्य सामूहिक गतिविधियों का आयोजन नहीं किया जाएगा। साथ ही स्कूल प्रबंधन की ओर से बच्चों से कोविड 19 का पालन करवाया जायेगा। राबाइंका की प्रिया एवं सुमन ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण पढ़ाई-लिखाई में दिक्कतें हो रही थी। घर में ऑनलाइन पढ़ाई करना मुश्किल हो रहा था। ग्रामीण इलाकों में नेटवर्क की काफी समस्या रहती है, जिस कारण सही से पढ़ाई नहीं हो पा रही थी। अब स्कूल खुल गये हैं तो बहुत अच्छा लग रहा है। बच्चों ने कहा कि सरकार से यही चाहते हैं कि अब निरंतर पढ़ाई होती रहे। कोरोना महामारी को देखते हुए सोशल डिस्टेंस और मास्क पहना जा रहा है और अब ग्रामीण इलाकों में भी कोई कोरोना का मरीज नहीं है।
राबाइंका रुद्रप्रयाग की प्रधानाध्यापिका डाॅ ममता नौटियाल ने बताया कि स्कूल खुलने से बच्चे काफी उत्साहित हैं, लेकिन अभी पचास प्रतिशत ही बच्चों की उपस्थिति हो रही है। अन्य अभिभावकों के सहमति पत्र भी मिल रहे हैं। धीरे-धीरे बच्चों की संख्या भी बढ़ती रहेगी। जो बच्चे घर में रहकर पढ़ना चाहते हैं, उनकी ऑनलाइन पढ़ाई होती रहेगी। उन्होंने बताया कि स्कूल पहुंच रहे सभी बच्चों को सेनिटाइज करवाया जा रहा है। साथ ही सोशल डिस्टेंस का पालन भी करवाया जा रहा है। कोविड महामारी को देखते हुए स्कूल में एक नोडल अधिकारी को नियुक्त किया गया है, जो कोविड 19 का पालन करवा रहे हैं। बच्चों को सुरक्षित रखते हुए पठन-पाठन करवाया जा रहा है।