देहरादून। बच्चों से जुड़े लंबित अपराधों के निस्तारण के लिए प्रत्येक जिले में अदालतें खोली जानी चाहिए। नोबेल शांति पुरस्कार विजेता और बचपन बचाओ आंदोलन के संस्थापक कैलाश सत्यार्थी ने यह सुझाव दिया है।’सुरक्षित बचपन-सुरक्षित भारत’ का संदेश लेकर भारत यात्रा कर रहे सत्यार्थी बीते रोज देहरादून पहुंचे।
ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में युवाओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अकेले वर्ष 2015 में बाल अपराध से जुड़े 96 फीसद केस लंबित चल रहे हैं। वहीं वर्ष 2016 में भी महज चार फीसद में सजा हो पाई और छह फीसद मामलों में आरोपी छूट गए। उन्होंने नोबेल कहा कि दोषियों को सजा मिले इसके लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। 11 सितंबर को तमिलनाडु से शुरू हुई बचपन बचाओ आंदोलन की भारत यात्रा का समापन 16 अक्टूबर को दिल्ली में होगा।