रुद्रप्रयाग। दिन: बुधवार। समय: देर रात साढ़े ग्यारह बजे। बाहर भारी बारिश हो रही थी। बिजली और बादल के बीच आंख-मिचौली का खेल चल रहा था। इस बीच आपदा कट्रोल रूम को एक व्यक्ति ने सूचना दी कि जिला मुख्यालय से बारह किमी दूर एक गांव में बादल फट गया है। प्राकृतिक आपदा के कारण बहुत बड़ी क्षति हुई है। कंट्रोल रूप से तत्काल इसकी सूचना डीएम और एसपी को देने के साथ ही रिस्पांस टीम और टास्ट फोर्स को दी। इसके बाद गुलाबराय मैदान में सभी टीमें एकत्रित होकर मौके के लिए रवाना होने लगी। बुधवार देर रात यह सूचना आग की तरह पूरे प्रदेश में फैल गई। इलेक्ट्रोनिक मीडिया में यह खबर ब्रेकिंग न्यूज बन गई।
सूचना के दो घंटे बाद भी किसी को कानों-कान खबर नहीं थी कि आखिर हुआ क्या है। सभी लोग घटना की जानकारी जुटाने में अपने परिचितों को फोन कर रहे थे। जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, आपदा प्रबंधन, पुलिस, मेडिकल, विभिन्न् विभागों के कर्मचारी गुलाबराय मैदान में एकत्रित हो गए। तेजी से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया। पुलिस और रेस्क्यू टीम के साथ ही स्वास्थ्य विभाग व अन्य विभागों की टीम प्रभावित क्षेत्र में दौड़ पड़ी। घटना की सूचना के करीब तीन घंटे बाद जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने यह जानकारी देते हुए सभी को भौचक्का कर दिया गया यह सरप्राइस मॉकड्रिल था। इस मॉक ड्रिल के बारे में जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक प्रह्लाद मीणा के अलावा किसी को जानकारी नहीं थी। दोनों युवा अधिकारियों ने पूरी प्लानिंग के साथ मॉक ड्रिल किया। इसमें कुछ कमियों को छोड़कर मॉक ड्रिल सफल रहा।
दरअसल, मानसून काल और आपदा प्रबंधन की तैयारियों की वास्तविक स्थिति जानने के लिए जिलाधिकारी और एसपी ने सरप्राइस मॉक ड्रिल किया। देर रात भारी बारिश के बीच साढ़े ग्यारह बजे से दो बजे रात तक मॉक ड्रिल चलता रहा। जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि रुद्रप्रयाग आपदा की दृष्टि से संवेदनशील है। इसलिए देर रात मॉक ड्रिल किया गया। इसकी सूचना मेरे अलावा सिर्फ एसपी को दी। मॉक ड्रिल के जरिए यह देखना था कि हमारी टीम कितने टाइम में पहुंच रही हैं। पुलिस, मेडिकल, पशु पालन, तहसील प्रशासन के साथ ही अन्य विभागों की टीम कितनी सक्रिय हैं। उन्होंने कहा कि कुछेक कमियों को छोड़कर मॉक ड्रिल सफल रहा। उन्होंने बताया कि डीओसी मुख्य बाजार से दूर है। इसकी ब्रांच रुद्रप्रयाग शहर में खोली जाएगी। ताकि अधिकारी और कर्मचारी तेजी से प्रभावित क्षेत्र में पहुंच सकें। पुलिस अधीक्षक प्रह्लाद मीणा ने बताया कि आपदा से पूर्व तैयारियों के लिए मॉक ड्रिल किया गया। फोर्स को मूवमेंट काफी अच्छा रहा। मॉक ड्रिल का मकसद यही था कि हम लोग आपदा से निपटने के लिए कितने तैयार हैं। छुटपुट कमियों को छोड़कर सरप्राइस मॉक ड्रिल सफल रही।