उत्तराखंड

स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक में पाई गई खामियां

चिकित्सालय और चिकित्सक सही तरीके से नहीं कर रहे अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन

जिला चिकित्सालय की लचर स्वास्थ्य सेवाओं पर डीएम ने जताई नाराजगी

आपातकाल में चिकित्सक न रहे तो होगी कार्रवाई

रुद्रप्रयाग। जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने जिला चिकित्सालय की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था पर आक्रोश जताते हुये मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को सुधारने के निर्देश दिये हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। यदि मरीज किसी भी प्रकार की शिकायत करते हैं तो चिकित्सालय के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी।

जिला कार्यालय सभागार में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित विभागों की बैठक संपंन हुई और कार्यों की समीक्षा की गई। जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को अस्पताल की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए। कहा कि अस्पताल में रात में जिन चिकित्सक की आपातकाल में ड्यूटी हो वे अस्पताल में रहने चाहिए। यदि इस सबंध में कोई शिकायत आई की डाॅ आपातकाल में नही था, तो सबंधित चिकित्सक के विरूद्व कार्यवाही की जाएगी।

कहा कि अस्पताल द्वारा मातृत्व मृत्यु के जो भी आॅडिट किए जाए उसमें औपचारिकता पूर्ण करने के स्थान पर आॅडिट में जिम्मेदारी सुनिश्चित कर सबंधित के विरूद्व कार्यवाही की जाएगी। कहा कि इस वर्ष 4 बच्चे व 2 महिलाओं की मृत्यु हुई है, जिसकी पूर्ण जानकारी स्वास्थ्य विभाग को न होने पर नाराजगी व्यक्त की गई। चन्द्रापुरी भीरी में डेढ़ माह के शिशु की मौत की जानकारी सबंधित एएनएम. को न होने पर कार्यवाही के निर्देश दिए। इसके साथ ही विगत माह श्रीनगर बेस अस्पताल में वेन्टिलेटर न होने के कारण हुई मातृत्व की मृत्यु के सबंध में प्रधानाचार्य, बेस अस्पताल से एसीएमओ को पूछने के निर्देश दिए कि जब अस्पताल में वेन्टिलेटर नही था तो 108 से सम्पर्क किया गया या नही। इसकी रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

जिलाधिकारी ने कहा कि सरकार द्वारा जननी सुरक्षा योजना के अन्तर्गत तमाम सुविधाएँ देने के बावजूद गर्भवती महिलाओं को निजी वाहन का प्रयोग करना पड़ रहा है। गर्भवती संबंधी मामलों को गंभीरता से लिया जाए व आगे से इस प्रकार के प्रकरण नहीं आने चाहिए। साथ की गर्भवती महिलाओं से सबंधित केस रेफर किए जाने पर सबंधित सीएचसी इचार्ज को सूचना देने को कहा। आरबीएसके की टीम द्वारा नियत तिथि पर अमोठा, सोगना व मल्यागाँव में बाल स्वास्थ्य की जाँच न करने पर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ ओपी आर्य, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डाॅ डीसी सेमवाल, डीपीओ धर्मवीर सिंह सहित अन्य मौजूद थे।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

To Top