उत्तराखंड

स्वास्थ्य विभाग ने नैनीताल जिले के 22 चिकित्सकों को बर्खास्तगी का अंतिम नोटिस

22 चिकित्सकों को बर्खास्त करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने अंतिम नोटिस जारी कर दिया

नैनीताल : जिले में अर्से से गायब तथा त्याग पत्र दे चुके 22 चिकित्सकों को बर्खास्त करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने अंतिम नोटिस जारी कर दिया है। मुख्य चिकित्साधिकारी की ओर से जारी नोटिस में इन चिकित्सकों से एक सप्ताह में तैनाती स्थल पर योगदान की सूचना देने को कहा गया है, ऐसा नहीं करने पर उनकी सेवा समाप्ति की कार्रवाई कर दी जाएगी। विभाग की इस कवायद को गायब चिकित्सकों के स्थान पर नई नियुक्तियों की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है।

जिले के 22 चिकित्सक अर्से से ड्यूटी से नदारद हैं। इसमें राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल सिमलखा के डॉ शोभित गुप्ता 2015 से, पहाड़पानी के डॉ. कमलेश कुमार वर्मा 2005 से, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ज्योश्यूड़ा के डॉ. ज्ञानेश्वर लाल गुप्ता 2006 से, ज्योलीकोट की डॉ. कृष्णावरी पंत 2007 से, बिठौरिया अस्पताल की डॉ. प्रीती आर्या 2014 से, पदमपुरी के डॉ. युवराज सिंह जीना 2008 से, कोटाबाग के डॉ. अतुल जैन 2013 से, डॉ. मुकेश जोशी 2016 से, भवाली की डॉ. प्रियंका सिंह 2013 से, बीडी पांडे नैनीताल के डॉ. रणवीर सिंह व डॉ. भारत भूषण 2013 से, डॉ. गिरिराज सिंह 2014 से, बीडी पांडे महिला अस्पताल की डॉ. गरिमा शर्मा 2016 से, रामनगर के डॉ. अनुपम यादव 2014 से, हल्द्वानी बेस अस्पताल के डॉ केपी उनियाल, डॉ पीके पाण्डे, डॉ नवीन कांडपाल, भवाली सेनिटोरियम के डॉ शिवसागर गुप्ता 2007 से, डॉ राजीव कुमार सिंह 2005 से, बेतालघाट के डॉ सुरेश पाण्डे 2004 से, रामनगर की डॉ गीतांजलि, ओखलकांडा अस्पताल के डॉ देवेंद्र कुमार सिंह 2006 से जबकि ज्योश्यूड़ा अस्प्ताल के डॉ बृजेन्द्र सिंह 2006 से गायब हैं।

सीएमओ ने बताया कि एक सप्ताह में तैनाती स्थल पर योगदान की सूचना नहीं दी तो संबंधित चिकित्सक को बर्खास्त कर दिया जाएगा। यहां बता दें कि इसमें से अधिकांश चिकित्सक या तो स्वैच्छिक तौर पर त्याग पत्र दे चुके हैं, मगर शासन द्वारा अनुपस्थित मानते हुए त्याग पत्र स्वीकार नहीं किए गए हैं। जिस कारण पद भरे हैं और सरकार नई नियुक्तियां नहीं कर पा रही है।

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