उत्तराखंड

श्रीनगर-कीर्तिनगर में खनन पट्टों पर स्वीकृति से ज्यादा खनन जोरों पर

खनन में सफेदपोशों का हाथ होने के कारण प्रशासन भी दबाव में चौरास पुल के पास जेसीबी से खनन की जांच पड़ताल

जेसीबी से खनन पर संबंधी खनन पट्टे धारक के खिलाफ होगी कार्यवाही

श्रीनगर : श्रीनगर-कीर्तिनगर के बीच चौरास मोटर पुल से 100 मीटर पीछे विगत तीन दिनों से जेसीबी लगाकर नदी में खनन किया जा रहा था। जेसीबी से खनन किये जाने की शिकायत पर प्रशासन ने मौके पर पटवारी भेजे, किंतु तब तक खनन करोबारियों ने जेसीबी को हटा दिया था, प्रशासन जेसीबी से खनन संबंधी जांच पड़ताल कर रहा है। जिसके लिए मौके पर पटवारी एवं कानून-गो द्वारा निरीक्षण भी किया गया। निरीक्षण की रिपोर्ट तहसीलदार देवप्रयाग को सौंपी जायेगी। जिसके बाद संबंधी खनन पट्टे धारक के खिलाफ अग्रिम कार्यवाही होगी।

नदी में बड़ी मात्रा में इस बार जगह-जगह खनन पट्टे स्वीकृत है, किंतु खनन पट्टों की प्रशासन यदि नियमों के अनुसार जांच पड़ताल करें तो कई घन मीटर नदी को खोदा दिया है। जबकि खनन पट्टों में सफेदपोशों का भी हाथ होने के कारण प्रशासन भी दबाव में है। जिस कारण श्रीनगर-कीर्तिनगर क्षेत्र में अवैध रूप से खनन की प्रक्रिया जारी है। प्रशासन के पास लगातार अवैध खनन, जेसीबी लगाकर खनन करना सहित अधिक घन मीटर नदी में खनन करना जैसी कई शिकायत लगातार पहुंच रही है। हालांकि प्रशासन ने एक-दो बार खनन कारोबारियों का चालान भी काटा, किंतु खनन कारोबारियों के हाथ लम्बे होने के चलते प्रशासन द्वारा काटा गया चालान बाद में कम हो जाता है। जबकि प्रशासन पर अत्यधिक दबाव होने के कारण खनन में हो रहे अवैध खनन के प्रति कोई कार्यवाही नहीं हो पा रही है।

सामाजिक एवं पर्यावरण से जुड़े कार्यकर्ताओं का कहना है कि प्रदेश सरकार को पर्यावरण से जुड़े मुद्दों पर प्रशासन का साथ देना चाहिए, जिससे नदी में स्वीकृति से ज्यादा बड़े पैमाने पर हो रहे खनन पर रोक लग सके। तहसीलदार देवप्रयाग सतीश चन्द्र बिज्लवाण ने बताया कि चौरास पुल के पास जेसीबी से खनन करने की सूचना मिली थी, जिस पर कानून-गो व पटवारी को मौके पर भेज दिया था। जिसकी जांच रिपोर्ट आने के बाद अग्रिम कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि इसमें नदी में जेसीबी से खनन किये जाने संबंधी भी देखा जायेगा।

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