उत्तराखंड

बुग्यालों में गई टीम से नहीं हो पा रहा है संपर्क

घायल हुये एक भेड़ पालक को पहुंचाया स्वास्थ्य केन्द्र

रुद्रप्रयाग। रविवार देर रात को मदमहेश्वर घाटी के विशोणी ताल के छाजमणी व गडगू गांव से कई किमी दूर भादणी बुग्यालों में बादल फटने से मरने वाले भेड-बकरियों की संख्या में इजाफा हो सकता है। दोंनांे बुग्यालांे के लिये गई टीमों से सम्र्पक नहीं हो पा रहा है। टीमों के बुधबार तक लौटने की सम्भावना है। भादणी के बुग्यालों में बादल फटने से अचैत हुये भेड पालक दर्शन सिंह को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र ऊखीमठ के डाक्टरों ने इलाज के बाद घर भेज दिया है।

विदित हो कि रविवार देर रात को मदमहेश्वर घाटी के विशोणी ताल के छाजमणी व गडगू गांव से कई किमी दूर भादणी बुग्यालों में बादल फटने से बुरूवा गांव निवासी बीरेन्द्र सिंह की लगभग 200 तथा गडगू निवासी सूरज सिंह की 150 भेड बकरियां मरने की सूचना प्राप्त हुई थी तथा भादणी के बुग्यालों में भेड पालक बादल फटने की वजह से अचेत हो गया था। सूचना मिलने पर तहसील प्रशासन, पीआरडी, एसडीआरएफ, पशुपालन व वन विभाग की टीम मौके के लिये रवना हो गई थी। भादणी के बुग्यालों में बादल फटने से अचेत हुयें भेड पालक दर्शन सिंह को गडगू निवासी हीरा सिंह राणा, धन सिंह राणा, अर्जन सिंह, दिलबर सिंह, शिव सिंह, किशन सिंह व एसडीआरएफ की टीम द्वारा सोमवार रात को लगभग 12 बजे गडगू से होते हुये स्वास्थ्य केन्द्र ऊखीमठ लाया गया, डाक्टरों द्वारा मंगलवार को भेड पालक दर्शन सिंह का उचित इलाज करने बाद घर भेज दिया गया है।

गडगू गांव से भादणी के बुग्यालांे तक पहुँचंे गडगू गांव निवासी हीरा सिंह राणा ने बताया कि बादल फटने की भयानक आवाजों व बुग्यालांे में अत्यधिक ठंड होने के कारण भेड पालक दर्शन सिह के हाथ पाव सुन हो गये थे। बुग्यालों में मरने वाले भेड बकरियों की संख्या में इजाफा हो सकता है। वहीं दूसरी और उपजिलाधिकारी गोपाल सिंह चैहान ने बातया कि ऊंचाई वाले इलाकों में मोबाईल सेवा के न होने से दोनों टीमों से सम्र्पक नही हो पा रहा है।

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