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सबसे बड़े रेस्क्यू ऑपरेशन को नामुमकिन से मुमकिन कर दिखाया

गोताखोरों ने कैसे दुनिया के सबसे बड़े रेस्क्यू ऑपरेशन को नामुमकिन से मुमकिन कर दिखाया

थाईलैंड : की थाम लुआंग गुफा से बच्चों को सुरक्षित निकालना बेहद प्रेरणादायी है। विशेषज्ञों तक का दावा था कि यह नामुमकिन काम है। हफ्ते भर तो अधिकारियों को यह समझने में लग गए कि उन्हें निकालें कैसे। चार किमी लंबी गुफा पानी से भरी हुई थी। गुफा में छेद करने और चार महीने तक मानसून खत्म होने जैसी बातों पर विचार किया गया। इसके बाद बचाव प्रमुख ने असंभव से लगने वाले मिशन को पूरा करने की ठान ली। हालांकि तब भी गुफा में खतरनाक स्तर तक गिरता ऑक्सीजन का स्तर और बारिश के कारण पानी बच्चों तक पहुंचने के खतरे लगातार बने हुए थे। इसके बाद गोताखोरों की मदद से बच्चों को बाहर निकालने का फैसला हुआ।

यह रास्ता प्रशिक्षित गोताखोरों के लिए भी चुनौतीपूर्ण था। वहीं बच्चों के पास गोताखोरी का कोई अनुभव नहीं था। गोताखोरों ने बच्चों को मास्क का इस्तेमाल करना और ऑक्सीजन की टंकी के सहारे पानी में सांस लेना सिखाया। लेकिन राहत कार्यों के दौरान ऑक्सीजन की कमी से एक थाई नेवी गोताखोर की मौत ने इस फैसले पर दोबारा सोचने पर मजबूर कर दिया। हालांकि अभियान को नहीं रोकने का फैसला किया गया और सभी सुरक्षित बचा लिया गया।

ट्रंप से लेकर मेसी की थी निगाह

यह पूरा अभियान इतना चुनौतीपूर्ण था कि दुनियाभर की चर्चित हस्तियां इस पर हर पल निगाह रखी हुई थीं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, फुटबाल स्टार लियोनल मेसी और तकनीकी दिग्गज एलन मस्क इसमें शामिल थे। वहीं ब्रिटिश पीएम टेरीजा मे ने इस सफलता का सबसे पहले जश्न मनाया और राहत अभियान में अपनी जान देने वाले गोताखोर को श्रद्धांजलि दी।

पहले बचाए गए आठ बच्चे स्वस्थ

थाईलैंड की गुफा से रविवार और सोमवार को बचाए आठ बच्चे मानसिक और शारीरिक रूप से पूरी तरह से स्वस्थ हैं। अधिकारियों ने बताया कि बच्चों ने चॉकलेट की भी मांग की। हालांकि दो बच्चे निमोनिया से पीड़ित पाए गए थे लेकिन एंटीबायोटिक दिए जाने के बाद अब उनका स्वास्थ्य अच्छा है। सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्रालय के स्थायी सचिव जेसाडा चोकेडम्रोंगसुक ने कहा कि सभी बच्चे पूरी तरह से स्वस्थ हैं। वे खा रहे, चल रहे और बातें कर रहे हैं। दरअसल विशेषज्ञों ने चेतावनी दी थी कि मनोवैज्ञानिक आघात या गुफा में मिले संक्रमण से बच्चे लंबे समय के लिए प्रभावित हो सकते हैं।

एलन मस्क के रॉकेट से बनी मिनी टब का नहीं हुआ इस्तेमाल

अमेरिकी अंतरिक्ष उद्योगपति एलन मस्क मंगलवार को अपना प्रोटोटाइप मिनी-टब लेकर थाईलैंड पहुंच गए थे। उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट किया। वीडियो में वे पानी से भरी हुई और राहतकर्मियों के साथ दिख रहे हैं। उन्होंने लिखा कि अगर जरूरत होगी तो मिनी-टब तैयार है। यह मिनी-टब रॉकेट के हिस्सों से बनी है और इसका नाम बच्चों की फुटबाल टीम के नाम पर ‘वाइल्ड बोर’ रखा गया है। हालांकि उनके मिनी टब का इस्तेमाल नहीं हुआ।

वाइल्ड बोर्स टीम को मैनचेस्टर यूनाइटेड ने दिया निमंत्रण

इंगलिश प्रीमियर लीग की ओर से मैनचेस्टर यूनाइटेड ने वाइल्ड बोर्स फुटबाल टीम को ओल्ड ट्रैफोर्ड आने के लिए आमंत्रित किया है। सभी बच्चों व उनके कोच के बाहर आते ही मैनचेस्टर यूनाइटेड ने अपना आमंत्रण उन्हें ट्वीट कर दिया। अगस्त से मई तक चलने वाले इस सीजन में उन्हें शामिल होने का मौका दिया गया है। मैनचेस्टर यूनाइटेड खुद इस साल म्यूनिख हवाई हादसे की 60वीं वर्षगांठ मनाई थी। उसने 2010 में 69 दिनों तक जमीन के अंदर फंसे चीली की 69 नाबालिगों को आमंत्रित किया था।

अमेरिका, यूरोप ने दी मदद

बचाव अभियान में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, चीन, ब्रिटेन, जापान, और थाईलैंड के विशेषज्ञ शामिल थे। पूरे ऑपरेशन में कुल 90 गोताखोर जुटे थे। इनमें 40 थाई जबकि 50 अन्य देशों के गोताखोर थे।

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