उत्तराखंड

अब “बियर स्प्रे” बचाएगी जंगली जानवरों के आतंक से..

अब “बियर स्प्रे” बचाएगी जंगली जानवरों के आतंक से..

उत्तराखंड: पहाड़ी जिलों में जंगली जानवरों के आतंक से लोग आये दिन परेशान रहते हैं। ये हिसंक जानवर लोगों पर जानलेवा हमला कर देते हैं। इसके लिए केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग की ओर से बीयर स्प्रे की योजना बनाई गई है, जिससे इन हिंसक जानवरों के हमले से मदद मिलेगी। हिंसक जानवरों से लोगों को राहत दिलाने के लिए केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग की ओर से अनोखी पहल की जा रही हैं। अगर ये योजना कारगर साबित होती है तो आने वाले भविष्य में लोगों को जंगली जानवरों से निजात मिल जाएगी, और उन्हें भय का भी सामना नहीं करना पड़ेगा। अब तक इस विधि का प्रयोग विदेशों में किया जाता था, लेकिन अब पहाड़ी जिलों में भी इसका प्रयोग किया जाएगा, जिससे हिंसक जानवरों के हमलों से लोगों को बचाया जा सके।

 

आपको बता दे, कि पहाड़ी जिलों में भालू, सुंअर, बाघ और बंदरों के आतंक से ग्रामीण काफी परेशान रहते हैं। आए दिन ये हिसंक जानवर लोगों पर जानलेवा हमला कर देते हैं। साथ ही फसलों को भी भारी नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसे में केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग की ओर से बीयर स्प्रे की योजना बनाई गई है, जिससे इन हिंसक जानवरों के हमले से मदद मिलेगी। केदारनाथ प्रभाग की ओर से अभी 25 स्प्रे बोतल खरीदी गई हैं, जिसे रेंजवार अधिकारी एवं कार्मिकों को देते हुए ट्रायल भी कर लिया गया हैं।

बीते कुछ वर्षों से रुद्रप्रयाग और चमोली जिले में हिंसक जानवरों के हमले की घटनाएं काफ़ी बढ़ी हैं। इस दौरान कई लोगों की मौत भी हो चुकी है, जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं, वर्ष 2020-21 में अभी तक केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के अन्तर्गत हिंसक जानवरों के हमले की दो दर्जन घटनाएं घट चुकी हैं, जबकि रुद्रप्रयाग वन प्रभाग में भी एक दर्जन से अधिक घटनाएं हुई हैं, जिसमें मानव और पालतू मवेशी शामिल हैं। अब विभाग ने हिंसक जानवरों के आतंक से निटपने के लिए बीयर स्प्रे योजना बनाई हैं।

 

इस स्प्रे की मदद से ग्रामीण महिलाएं अपने को हिंसक हमले से बचा सकेगी। इसके लिए प्रभागीय स्तर पर रेंजवार गांवों को चिह्नित किया जा रहा है, जहां जंगली जानवरों का खतरा अधिक हैं। खेतों और जंगल में चारापत्ती और लकड़ी के लिए जाने वाली महिलाओं को बीयर स्प्रे के बारे में जानकारी दी जाएगी। अभ्यास के तौर पर उन्हें बताया जाएगा कि जानवरों के हमले से किस तरह से स्प्रे का प्रयोग कर अपनी जान बचानी हैं। पहले चरण में प्रभाग के सभी रेंजों में कार्मिकों द्वारा स्प्रे के साथ ट्रायल किया जाएगा। इसके लिए प्रभागीय कार्यालय की ओर से 25 स्प्रे बोतल की खरीद की गई है, जबकि, दूसरे चरण में रेंजवार संवेदनशील गांवों में ग्रामीणों को यह स्प्रे बोतल उपलब्ध कराई जाएंगी, जिसका न्यूनतम मूल्य निर्धारित किया गया हैं।

 

केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के डीएफओ अमित कंवर ने बताया कि हिंसक जानवरों के बढ़ते हमलों से निजात पाने के लिए अब बीयर स्प्रे का प्रयोग किया जाएगा। ट्रायल के तौर पर अभी 25 स्प्रे बोतल खरीदी गई हैं, जो रेंजवार कर्मियों को दी जाएंगी। प्रयोग सफल रहा तो इन स्प्रे को महिलाओं और ग्रामीणों को वितरित किया जाएगा।

क्या होता है बीयर स्प्रे और क्या है इसकी खासियत..

बीयर स्प्रे में लगभग दो प्रतिशत कैप्सैसिन और कैपेसिकिनोइड रसायन होता हैं। खतरे की स्थिति में तीन मीटर की दूरी से हिंसक जानवर पर इस स्प्रे का छिड़काव करने से वो भाग जाता हैं। विदेशों में हिंसक जानवरों को भगाने के लिए काली मिर्च और लाल मिर्च के स्प्रे का भी प्रयोग किया जाता हैं। अमेरिका, कनाडा में भी बीयर स्प्रे का प्रयोग किया जाता है, जिसके लिए कुछ नियम तय हैं।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

To Top