पौड़ी के शिक्षक पंकज सुंदरियाल ने माचिस की तीलियों से केदारनाथ की प्रतिकृति बनार्इ है। इसमें 18 हजार तीलियों का इस्तेमाल किया गया है।
पौड़ी : पहाड़ी क्षेत्रों में पौराणिक एवं सांस्कृतिक धरोहरों को संजोए रखने में काष्ठ कला काफी लोकप्रिय रही है। लेकिन, वक्त बदला तो इस विधा का भी ह्रास होता चला गया। ऐसे दौर में युवा शिक्षक पंकज सुंदरियाल माचिस की तीलियों के सहारे इस विधा को संजीवनी देने में जुटे हैं। पंकज अब तक माचिस की तीलियों से केदारनाथ मंदिर समेत कई ऐतिहासिक धरोहरों की प्रतिकृति बना चुके हैं।
पौड़ी जिले के राजकीय प्राथमिक विद्यालय चुठाणी में सहायक अध्यापक पंकज सुंदरियाल स्कूल की छुट्टी के बाद अथवा खाली वक्त अपनी कला को जीवंत करते हैं। पिछले तीन साल से वे केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति बनाने में जुटे थे, जिसमें अब जाकर सफलता मिली। इसमें उन्होंने 18 हजार तीलियों को इस्तेमाल किया है। पिछले दिनों पंकज केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति को लेकर जिला मुख्यालय पहुंचे थे।
इस दौरान जिलाधिकारी सुशील कुमार के अलावा सीईओ मदन सिंह रावत व डीईओ बेसिक कुंवर सिंह रावत ने उनकी कला की प्रशंसा की। पंकज कहते हैं कि वह नई पीढ़ी को अपनी पारंपरिक काष्ठ कला से जोडऩा चाहते हैं। ताकि यह विधा रोजगार का विकल्प बन सके।