उत्तराखंड

आपदा के बाद केदारपुरी नये अंदाज में

मद्हेश्वर शुक्ला
रूद्रप्रयाग। वर्ष 2013 की भयावह आपदा ने भले ही दर्दनाक जख्म दिए हो और शायद ही कभी हम इस विनाशकारी अतीत को भूला पाएंगे, जिस तरह से विश्व प्रसिद्व तीर्थ धाम भगवान केदारनाथ की यात्रा पूरी तरह तहस.नहस हो गई थी और तब हर कोई यही कल्पना कर रहा था कि, न जाने अब कितने सालों बाद फिर से यात्रा अपने पुराने ढर्रे पर लौटेगी। परंतु आज जिस तरह से फिर केदारपुरी आज अधिक आकर्षित बनती जा रही है, इसका सीधा.सीधा श्रेय राज्य और केन्द्र सरकार को जाता है। जहां वर्तमान सरकार पुर्ननिर्माण कार्यों के जरिए केदारपुरी के आपदा के जख्मों को भरने का काम रही है,

वहीं दूसरी ओर केन्द्र सरकार ने नई केदारपुरी की आधारशिला रख आने वाले समय में यात्रा को और भव्य बनाने का काम तो किया ही है साथ ही केदारपुरी को हर सुविधा से लैस करने का ऐतिहासिक कदम भी उठाया है वर्ष 2013 से पहले और वर्तमान केदारपुरी की तुलना करें तो आज की केदारपुरी आपको पूरी तरह बदली नजर आएगी। 2013 से पहले भले ही केदारनाथ यात्रा का इतिहास बेहद सुकून और शांति भरा रहा, यानि कभी भी किसी अनहोनी से श्रद्वालुओं या आम जनता को नहीं गुजरना पडा, लेकिन तब यात्रा में संसाधनों की कमी हमेशा बडी वजह बनी रहती थी। यात्रा पर जाने वाले श्रद्वालुओं को हर स्तर पर मुश्किलों का सामना करना पडता था, क्योंकि संसाधन बेहद कम थे और संख्या ज्यादा। ऐसे में मुश्किलों से गुजरना पडता था।

कई दुर्घटनाएं हो जाती थी और श्रद्वालु काफी मशक्कत के बाद यात्रा को पूरा करते थे। लेकिन वर्तमान में यदि केदारनाथ की यात्रा करें तो आज की यात्रा हर स्तर पर बेहद सुगम और सुरक्षित नजर आती है। वर्ष 2013 में आपदा के बाद केदारनाथ धाम में हर तरफ मलबा पसरा गया था, रास्ते ध्वस्त हो गए थे, सडके बह गई थी और इससे अधिक सबसे बडा घाव प्रकृति ने हजारों लोगों की अकाल मौत का दिया। तब ही एक सवाल सबके जहन में था कि आखिर इस आपदा के जख्मों को कैसे भरा जाएगा और यात्रा कैसे अपने पुराने ढर्रे पर लौटेगी। इसके साथ ही उन तमाम परिवारों को सहारा देने का जिन्होंने अपनों को खोया।

परंतु राज्य सरकार और केन्द्र सरकार ने इस विशालकाय चुनौती से पार पाने में एढी.चोटी का जोर लगाया ओर उम्मीदों से अधिक सफलता भी हासील की।यदि आप आज केदारपुरी जांए तो यहां आपदा के दौरान हर तरफ जो भयावह तस्वीरें दिखती थी और श्रद्वालुओं को डराती थी, आज केदारपुरी पूरी तरह आकर्षित और हर सुविधाओं से लैस हो चुकी है। वर्तमान राज्य और केंद्र सरकार केदारपुरी को जरूरतमंद सुविधा से युक्त करने के लिए हर सम्भव प्रयास कर रही है। केदानाथ के लिए हवाई यात्रा हो या फिर पैदल यात्रा हर स्तर से श्रद्वालुओं की सुरक्षा बेहद मजबूत हैं। इसके साथ ही धाम में पुनर्निर्माण कार्यों के जरिए जहां नदियों के खतरे से केदारुपरी को सुरक्षित करने का कार्य किया जा रहा है, वहीं रास्तों को सुरक्षित और बेहद सुगम बनाने का कार्य भी प्रगति पर है।

इसके साथ ही केदारपुरी में आने वाले श्रद्वालुओं के लिए अब प्राकृतिक सौंदर्य के साथ ही थ्री डी पेंटिंगे भी विशेष रूप से अपनी ओर आकर्षित करती है। मंदिर के पीछे थ्री लेयर प्रोटेक्शन वांल पर बनाई गई थ्रीडी पेंटिंग में भगवान शिव के विभिन्न रूप को दर्शाया गया है, जो कि यहां आने वाले श्रद्वालुओं को खुद ब खुद आकर्षित करती है। इसके अलावा केदारनाथ में पुनर्निर्माण के बाद मौजूदा समय में सरकार ने रहने.खाने की किफायती व्यवस्था शुरू की है। जिस तरह से पहले श्रद्वालुओं को इन व्यवस्थाओं में हर कदम पर परेशानी झेलनी पडती थी, अब सरकार के अधीन यह व्यवस्था आने के बाद श्रद्वालुओं को उचित दामों पर रहना.खाना मिल जाता है।

2013 के बाद राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने खुद ही यात्रा की प्रत्येक व्यवस्था को खुद ब खुद संभाला है। मौजूदा समय में केदारनाथ धाम की यात्रा करने के लिए रूद्रप्रयाग से गौरीकुण्ड तक सडक मार्ग बेहतर सुगम और सुरक्षित बन चुका है। इसके बाद गौरीकुण्ड से केदारनाथ तक निर्मित 16ण्5 किमी पैदलमार्ग पहले की अपेक्षा और अधिक सुरक्षित और व्यवस्थित बन चुका है, जहां घोडे.खच्चरों के साथ ही पैदल चलने वाले श्रद्वालुओं के लिए अलग.अलग ट्रैक तैयार किए गए है, ताकि पहले की तरह घोडे.खच्चरों की आवाजाही से पैदल श्रद्वालु चोटिल ना हो। मार्ग पर पर्याप्त पेयजल सुविधा, ठहरने के लिए विश्राम गृह के साथ ही खाने.पीने की भी व्यवस्था मौजूद है।

जंगल चट्टी, छोटी लिंनचैली और बडी लिनचैली में श्रद्वालुओं के लिए खाने.पीने और ठहरने की उचित सुविधा उपलब्ध है। वहीं केदारनाथ यात्रा को सबसे सुगम, सुरक्षित और आकर्षित बनाने में नेटवर्किंग सुविधा सबसे अधिक कारगर साबित हुई है। अब धाम में आप वाईफाई के जरिए आप नेट चला सकते हैं, इसके साथ ही धाम की गतिविधियां जिला मुख्यालय में स्थित कंट्रोल से हर समय देखी जा सकती हैं। अब केन्द्र सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट नई केदारपुरी का कार्य भी शुरू हो चुका है। इस प्रोजेक्ट के जरिए धाम में पौराणिक कलाकृति के पत्थरों द्वारा जहां आदि गुरू शंकराचार्य समाधि स्थल का निर्माण किया जाएगा, वहीं श्रद्वालुओं के ठहरने के बहुमंजिले भवन का निर्माण भी होने जा रहा है। साथ ही कई महत्वपूर्ण कार्य केदारनाथ धाम में होने जा रहे हैं।

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