कल्पेश्वर मोटर मार्ग जगह जगह बाधित होने के कारण छेत्रिय जनता के लिए मुसीबत सबक बना है एक ओर पहाड़ों में सरकारी अस्पताल की हालत खराब है वहीं दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की स्वाथय केंद्रों तक जाने के लिए एक मात्र मोटर मार्ग वाधित
जाेशीमठ : जाेशीमठ मोटर मार्ग वाधीत होने से कल्पेश्वर की जनता परेशान पंच केदार में कल्पेश्वर धाम मुख्य भूमिका आए दिन यहां की जनता परेशानियों को लेकर काफी चिंतित हैं। इसकी बानगी आज देखनें काे मिली जब उर्गम घाटी के देवग्राम निवासी प्रेम प्रकाश अपनी पत्नी काे प्रसव करानें के लिये जाेशीमठ ला रहा था । लेकिन सड़क खस्ताहाल और जगह जगह पर बंद हाेने के चलते महिला नें बीच रास्ते में ही बच्चे काे जन्म दे दिया। गनीमत रही की गांव की महिलायें उस वक्त महिला के साथ माैजूद थी जिन्हाेंने समय पर सही तरह से सड़क पर ही महिला की डिलीवरी करा उसे नया जन्म दिया,गाैरतलब है कि यह माेटर मार्ग पिछले कई दिनाें से बरसात के चलते क्षतिग्रस्त है,वाहनाें की आवाजाही भी इससे बाधित हैं। मूल भूत सुविधाएं सरकार की तरफ से कोई भी नहीं इस कारण आज महिला को सड़क किनारे ही प्रसव करना पड़ा जिसमें जचा बच्चा दोनों स्वस्थ है गनीमत रही कि गाॅव की अन्य मिलाएं साथ में थे जिस कारण दोनों को बचाया जा सका ये घटना पूरे पहाड़ की है ऐसी स्थिति में प्राथमिक स्तर पर सरकार की ओर से कोई सुविधा न मिलने से पहाड़ की जनता में आक्रोश है
छेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता रघुवीर सिंह नेगी नें बताया कि उर्गम घाटी में प्रसव केन्द्र की व्यवस्था नही हाेने से घाटी की महिलाओं काे काफी कष्ट उठाना पड़ता है,दूसरी तरफ मार्ग बंद हाेनें के बाद भी गांव की महिला शक्ति की वजह से आज समय पर हमारे गांव की इस महिला का प्रसव हाे गया और इसे नई जिन्दगी मिली है। आखिर कबतक हमलाेग हर चीज के लिये संघर्ष करनें काे मजबूर हाेयें ? सरकार और प्रशासन आंखें मूंदे बैठा है कल्प घाटी के विकास के लिये आखिर काेंन आगे आयेगा। उर्गम माेटर मार्ग काे शीघ्र दूरस्त करानें की मांग करते थक चुके है । ग्रामीण लेकिन सरकार चुप्पी साधे है ऐसे में हमारी उर्गम घाटी की महिलाये कबतक बदहाल तंत्र का शिकार हाेती रहेंगी।