उत्तराखंड

समाज से जुड़कर व्यक्ति बन सकता है बेहतर: मंगेश

कलश साहित्यिक संस्था की ओर से जिम कार्बेट एवं श्रीदेव समुन स्मृति दिवस का आयोजन
मेधावी छात्रों के सम्मान के साथ ही कलश स्मारिक का लोकार्पण

रुद्रप्रयाग। जिम कार्बेट एवं श्रीदेव समुन स्मृति दिवस के मौके पर मुख्यालय स्थित गुलाबराय में कलश साहित्यिक संस्था की ओर से कार्यक्रम आयोजित किये गये। साथ ही कार्यक्रम में पंडित वासवानंद मैखुरी स्मृति सम्मान, हाईस्कूल एवं इंटर में मेरिट सूची में नाम दर्ज करने वाले छात्रों, कलश स्मारिका का लोकार्पण समारोह के साथ ही वरिष्ठ कवियत्री बीना बेंजवाल को सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम के प्रथम सत्र में जिम कार्बेट स्थल पर जिम की मूर्ति का अनावरण और माल्यापर्ण किया गया, जबकि द्वितीय सत्र में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ ही बोर्ड परीक्षा में सफल मेधावियों को सम्मानित किया गया। जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि हमें अपनी मातृभाषा पर गर्व होना चाहिए। हमारी मातृभाषा अन्य देशों के मुकाबले सबसे अधिक प्रचारित-प्रसारित है। कहा कि समाज से जुड़कर व्यक्ति बेहतर कार्य कर सकता है। उसके लिए सोच की आवश्यकता है। डीएम ने श्रीदेव सुमन को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके कार्यों का स्मरण किया। उन्होंने मेधावी छात्रों को भविष्य की शुभकामना देते हुए अभिभावकों व छात्रों को स्मरण कराया कि निरंतर प्रगति करने के लिए उचित वातावरण की जरूरत होती है। निरंतर ज्ञान बढ़ाने का प्रयास किया जाना चाहिए। जनपद में शिक्षा, कृषि, उद्यान आदि क्षेत्रों में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। कार्य के प्रति लगन एवं एकाग्रता से ही सफलता मिलती है।

उन्होंने कहा कि जिम कार्बेट स्थल के सौन्दर्यीकरण व म्यूजियम की दिशा में प्रयास किये जा रहे हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डीईओ बेसिक डाॅ विद्याशंकर चतुर्वेदी ने कहा कि छात्रों को अपनी क्षमताओं का सकारात्मक दिशा में प्रयोग करना चाहिए। वरिष्ठ पत्रकार रमेश पहाड़ी ने कहा कि क्षेत्र के महापुरूषों का स्मरण कलश परिवार की ओर से किया जाता है। यह कार्य सराहनीय है। डीएफओ मयंक शेखर झा ने कहा कि जिम कार्बेट एक अच्छे पर्यावरणविद् व लेखक थे। जिम ने अपनी खिताब में लिखा है कि रुद्रप्रयाग के आदमखोर बाघ का शिकार करना सबसे कठिन था। उन्होंने कहा कि जिम कार्बेट पार्क का और अधिक सौन्दर्यीकरण किया जायेगा।

कार्यक्रम में विपिन झिंक्वाण एवं रवीन्द्र झिंक्वाण के चित्रों की प्रदर्शनी, कलश स्मारिका का लोकार्पण एवं मेधावी छात्रों के साथ ही लोकभाषा की कवियत्री श्रीमती बीना बेंजवाल को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर डाॅ राकेश भट्ट, श्याम लाल सुंदरियाल, सुरेश गैरोला, माहेश्वर पुरोहित, धीरेन्द्र सिंह नेगी, सुधीर बत्र्वाल, सुशीला बिष्ट, बीना धिरवाण, अश्विनी गौड़ सहित कई मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन ओमप्रकाश सेमवाल, डाॅ मनीष मैखुरी, जसपाल भारती एवं अशोक चैधरी ने संयुक्त रूप से किया।

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