उत्तराखंड

उत्तराखंड में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी व रोहिंग्या की जांच

मुख्‍यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि सरकार बांग्लादेशी घुसपैठियों और रोहिंग्याओं की जांच कर रही है। उत्तराखंड में बाहर से आकर अवैध रूप से बसने वालों की जानकारी मिली

देहरादून : उत्तराखंड में अब अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या व अवैध बांग्लादेशी घुसपैठिये बाहर किए जाएंगे। इनके चिह्नीकरण की कवायद तेजी से चल रही है। सभी जिलों में इनकी बाकायदा सूची तैयार की जा रहा है। अब जनता से भी इनके चिह्नीकरण में सहयोग की अपील की जा रही है। सूची के आधार पर एक बार फिर इनका परीक्षण किया जाएगा और इसके बाद इन्हें उत्तराखंड से बाहर कर दिया जाएगा। इसकी सूचना केंद्र सरकार को भेजे जाने की तैयारी है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने घुसपैठियों पर सरकार का रवैया स्पष्ट करते हुए कहा कि प्रदेश में घुसपैठियों के लिए कोई जगह नहीं है। उत्तराखंड में बीते कुछ महीनों से अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों व रोहिंग्या की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस संबंध में खुफिया एजेंसियां भी लगातार सरकार को इनपुट उपलब्ध कराती रही हैं। फिलहाल, इनके आने पर रोक लगाने के लिए अभी तक कोई ठोस कार्ययोजना नहीं बन पाई है लेकिन इन्हें बाहर निकालने की तैयारी जरूर शुरू हो चुकी है।

दरअसल, कुछ समय पूर्व विधायक खानपुर (हरिद्वार) कुंवर प्रणव चैंपियन ने एक सनसनीखेज बयान में कहा था कि रोहिंग्या हरिद्वार तक पहुंच चुके हैं। उस समय मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस बात का समर्थन नहीं किया था। इसके बाद उन्होंने खुफिया एजेंसियों से इसका इनपुट लिया। इस पर सरकार को उत्तराखंड में बाहर से आकर अवैध रूप से बसने वालों की जानकारी मिली। इसके बाद सरकार के निर्देश पर हरिद्वार के साथ ही तराई वाले जिलों में खुफिया एजेंसियों ने बस्तियों व झुग्गियों में बाहरी लोगों की जानकारी जुटानी शुरू की। इनकी संख्या देखकर खुफिया एजेंसियों के होश उड़ गए। इसके तुरंत बाद सभी जिलों में इनकी सूची बनाने के निर्देश जारी किए गए, जिस पर इन दिनों तेजी से काम चल रहा है। वहीं, सरकार ने अब आमजन का भी इसमें सहयोग लेने की बात कही है।

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि कोई भी घुसपैठिया, चाहे वह बांग्लादेशी हो या रोहिंग्या सबको बाहर भेजा जाएगा। हम उन्हें बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे। उत्तराखंड सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण व संवेदनशील है और यहां की संवेदनशीलता न केवल सरकार बल्कि जनता भी समझती है। जनता को भी कोई संदिग्ध व्यक्ति लगता है तो सरकार को सूचित करे। सीएम एप, मेल व अन्य वेबसाइट हैं, उनके जरिये जानकारी दी जाए। सरकार एक-एक घुसपैठिये को यहां से बाहर करेगी।

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