उत्तराखंड

सभी उम्र के लोगों का भा रहा है ‘हे रामा’

लोक गायक विक्रम के गीत में मनुष्य जीवन के महत्व का किया गया है उल्लेख

रुद्रप्रयाग। लोक गायक विक्रम कप्रवाण की ‘हे रामा’ दर्शकों को भा रही है। यूट्यूब पर इस गाने को लोग खूब पसंद कर रहे हैं। इस गाने के जरिए लोक गायक ने मनुष्य के जीवन के महत्व को बताया है। इस गीत के जरिए उन्होंने संदेश दिया है कि मनुष्य के कर्म, दया, दान हमेशा साथ रहता है और जीवन खुशी-खुशी आगे बढ़ता है।

लोक गायक विक्रम कप्रवाण ने बताया कि उन्होंने ही इस गाने की रचना की है। इस गीत में कहीं कोई फूहड़ता नहीं है। गढ़वाली भाषा के पुराने शब्दों का इस गाने में इस्तेमाल किया गया है। इससे हमारी भाषा के पुराने शब्द भी एक बार फिर जिंदा हो गए हैं। अच्छी बात यह है कि यह गाना हर किसी वर्ग को पसंद आ रहा है। उन्होंने कहा कि उनका मकसद यही रहा है कि वह गीत-संगीत के जरिए अपनी संस्कृति को जीवित रखे और वह लगातार इसी को ध्यान में रखते हुए गाने लिखते हैं और गाते भी हैं।

आज के दौर में गायक रातों-रात प्रसिद्ध होने के लिए फूहड़ गीत लिख रहे हैं और गा रहे हैं। इससे हमारी संस्कृति पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। नई पीढ़ी को सही दिशा में ले जाना है तो हमें गीत-संगीत के जरिए उन्हें जोड़ना होगा। उन्हें अपनी संस्कृति, पुराने समय की जानकारी, धरोहरों की जानकारी देनी होगी। उन्होंने कहा कि वह जब तक गीत-संगीत के क्षेत्र में काम करेंगे, तब तक अपनी संस्कृति को आगे बढ़ाते रहेंगे। उन्होंने ‘हे रामा’ को पसंद करने पर दर्शकों का धन्यवाद ज्ञापित किया।

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