उत्तराखंड

लिंग जांच कर गर्भपात कराने वालों की जानकारी देने पर मिलेगा पांच हजार का पुरस्कार…

दो या दो से अधिक बेटियों वाले परिवारों पर रखी जाय विशेष नजर

ऐसी आशाओं को तत्काल हटाया जाय, जिनके क्षेत्र में हो रही है होम डिलीवरी

जिलाधिकारी ने ली स्वास्थ्य, बाल विकास आदि विभागों की समीक्षा बैठक

रुद्रप्रयाग। जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने स्वास्थ्य विभाग को तत्काल ऐसी आशाओं को हटाने के निर्देश दिये हैं, जिनके क्षेत्र में होम डिलीवरी हो रही है। जिलाधिकारी ने समस्त आशाओं, आंगनबाड़ी कार्यकत्री व एएनएम को ऐसे दाम्पत्यों पर विशेष नजर बनाये रखने को कहा है जिनकी दो या दो से अधिक बेटियां हैं। ऐसे परिवार पुत्र की लालसा में लिंग जांच कर कन्या भ्रूण हत्या का अपराध कर सकते हैं, ऐसे में इन पर विशेष नजर रखी जानी चाहिये। जनपद मे जिन परिवारों के द्वारा लिंग की जांच कर गर्भपात कराया जाता है, उन परिवारों-व्यक्ति की सूचना देने वाले को प्रशासन की ओर से 5 हजार रूपये का पुरस्कार भी दिया जायेगा और सूचना देने वाले व्यक्ति का नाम गुप्त रखा जाएगा।

जिला कार्यालय सभागार में जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने शिक्षा, स्वास्थ्य, बाल विकास विभाग, स्वजल, राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम आदि विभागों की समीक्षा बैठक ली। बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि प्रत्येक गांव में महिला सशक्तिकरण से जुडे अधिक से अधिक कार्य हो, महिलायें अपने अधिकारों को जान सके, इसके लिए स्वास्थ्य व बाल विकास विभाग को गावंों में खुली बैठक कर प्रत्येक गांव में दस सदस्यीय बेटी बचाओ समिति बनाने के निर्देश दिए। महिला सशक्तिकरण से सम्बन्धित सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वाली समिति को पुरस्कृत करने की योजना है। बाल विकास विभाग को बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान के माध्यम से गाँव में जागरूकता के साथ-साथ कानूनी जानकारी भी देने के निर्देश दिए डीएम ने दिये।

जिलाधिकारी ने समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र इन्चार्ज को आगामी बैठकों में क्षेत्र में हो रही होम डिलीवरी के कारण सहित पूर्ण विवरण के साथ बैठक में उपस्थित होने के निर्देश दिए। माह जुलाई में राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम के तहत जनपद के 113 प्राथमिक विद्यालय में पंजीकृत 5982 बच्चों को स्वास्थ्य परीक्षण के सापेक्ष 5640 व 97 आंगनाड़ी केन्द्र में पंजीकृत 1757 शिशुओं के सापेक्ष 1612 बच्चे ही स्वास्थ्य परीक्षण के दिन उपस्थित थे।

सबसे न्यून उपस्थिति वाले प्राथमिक विद्यालय व आंगनबाड़ी केन्द्रों से स्पष्टीकरण लेने के निर्देश दिए। आरबीएसके की टीम द्वारा जुलाई माह में प्राथमिक विद्यालय से 213 बच्चे रेफर किए गए, जिसमें से आतिथि तक 38 बच्चे व आगंनवाडी केन्द्र से 24 बच्चे रेफर किए गए थे, जिसमें से 6 बच्चे ही आतिथि तक जिला अस्पताल जाँच के लिए पहुचंे है।

इस संबंध में जिलाधिकारी ने मुख्य शिक्षा अधिकारी को स्पष्ट निर्देश दिए कि जो बच्चे रेफर किए गए हैं, उनके अभिभावक से शिक्षक व्यक्तिगत रूप से बात कर जिला अस्पताल तक स्वास्थ्य परीक्षण के लिए पहुंचाये। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक दिनेश चन्द्र सेमवाल, मुख्य शिक्षा अधिकारी चित्रानन्द काला, माध्यमिक एलएस. दानू, डाॅ संजय तिवारी, डाॅ सचिन चैबे, पर्यावरण विशेषज्ञ पीएस. मटूडा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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