उत्तराखंड

फर्जी प्रमाणपत्रों से नौकरी पाने वाले 20 शिक्षकों पर एफआइआर के निर्देश

शिक्षकों के प्रमाणपत्रों में फर्जीवाड़ा पकड़ में आने पर शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने 20 शिक्षकों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के निर्देश दिए।

देहरादून : एसआइटी जांच में शिक्षकों के प्रमाणपत्रों में फर्जीवाड़ा पकड़ में आने पर 20 शिक्षकों के खिलाफ एफआइआर दर्ज होगी। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने सोमवार को ये निर्देश दिए। कुल 42 फर्जी प्रमाणपत्रों के मामले में 22 में विवेचना चल रही है। वहीं एसआइटी जांच में सहयोग नहीं करने पर हरिद्वार जिले के बहादराबाद में खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में तैनात दो लिपिकों पवन कुमार और मनोज चौहान पर गाज गिर गई। शिक्षा मंत्री के निर्देश पर उक्त दोनों लिपिकों का तबादला दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों में किया गया है।शिक्षा मंत्री ने शिक्षकों की नियुक्ति में हुए इस फर्जीवाड़े के लिए नियोक्ता अधिकारी पर भी कार्रवाई के निर्देश दिए। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने सोमवार को सचिवालय में शिक्षकों के फर्जी प्रमाणपत्रों की जांच को गठित एसआइटी और शिक्षा विभाग के साथ संयुक्त बैठक की।

बैठक में बहादराबाद के दो लिपिकों के जांच में सहयोग नहीं दिए जाने का मामला आने पर मंत्री सख्त हो गए। मंत्री के निर्देश पर महकमे ने भी तत्काल कार्रवाई कर मनोज कुमार चौहान को राजकीय इंटर कॉलेज पांगू, पिथौरागढ़ और पवन कुमार को राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय तोर्ती, देवाल, चमोली स्थानांतरित कर दिया।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षकों की नियुक्ति के इस फर्जीवाड़े में नियोक्ता अधिकारी बख्शे नहीं जाएंग। उनके खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए। एसआइटी प्रभारी श्वेता चौबे ने बताया कि वर्ष 2012 से 2016 तक नियुक्त किए गए 7047 शिक्षकों की सेवा संबंधित अभिलेख शिक्षा महकमे ने एसआइटी को उपलब्ध कराए हैं। इनमें से 10485 अभिलेख सत्यापन को प्राप्त हो चुके हैं। इसके अतिरिक्त विभिन्न माध्यम से प्राप्त 365 शिक्षकों से संबंधित शिकायतों में से 161 शिकायतों का निस्तारण किया जा चुका है। जिन 42 शिक्षकों के प्रमाणपत्र में खामियां मिली हैं, उनमें सर्वाधिक हरिद्वार के 18, देहरादून के 12, रुद्रप्रयाग व ऊधमसिंहनगर के चार-चार, पौड़ी के दो, अल्मोड़ा व नैनीताल के एक-एक शिक्षक हैं।

उन्होंने प्रमाणपत्रों की जांच के लिए विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों की ओर से मांगे जा रहे शुल्क का मामला भी रखा। शिक्षा मंत्री ने आश्वस्त किया कि उक्त मामले में विभाग पुरजोर पैरवी करेगा, जरूरत पड़ी तो शिक्षा विभाग से धन दिलाया जाएगा। बैठक में शिक्षा सचिव डॉ भूपिंदर कौर औलख, महानिदेशक कैप्टन आलोक शेखर तिवारी, माध्यमिक शिक्षा निदेशक आरके कुंवर, अपर निदेशक आरके उनियाल व वीरेंद्र रावत समेत कई अधिकारी मौजूद थे।

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