डोबरा-चांठी पुल की फाइनल लोड टेस्टिंग सितंबर से शुरू होगी..
उत्तराखंड: टिहरी झील पर बन रहे देश के सबसे लंबे डोबरा-चांठी पुल की फाइनल लोड टेस्टिग 21 सितंबर से शुरू होगी। इसके लिए लोनिवि ने दक्षिण कोरियाई इंजीनियर को 15 दिनों के लिए यहां बुलाया है।
बांध प्रभावित क्षेत्र प्रतापनगर की आवाजाही को 14 साल से बन रहे चांठी-डोबरा पुल के ऊपर अधिकतम 18 टन क्षमता तक के ही लोडेड वाहन गुजर सकेंगे। लोनिवि वाहनों के भार को नियंत्रित करने को पुल के दोनों तरफ विशेष किस्म की डिवाइस और रेड सिग्नल सिस्टम लगाएगा, ताकि एक बार में एक ही भारी वाहन पुल के ऊपर से गुजर सके। सात मीटर चौड़े इस पुल पर पैदल आवाजाही करने वाले लोगों के लिए दोनों ओर 75-75 सेंटीमीटर चौड़ाई के फुटपाथ बनाए जाएंगे।
फाइनल लोड टेस्टिग की रिपोर्ट सही आने के बाद अक्टूबर से पुल पर वाहनों का संचालन शुरू किया जा सकता है।डोबरा-चांठी झूला पुल का निर्माण कार्य वर्ष 2006 में शुरू हुआ था। लेकिन, वर्ष 2010 में डिजाइन फेल होने के कारण निर्माण बंद करना पड़ा तब तक पुल निर्माण पर 1.35 अरब की रकम खर्च हो चुकी थी। इसके बाद वर्ष 2016 में लोनिवि निर्माण खंड ने 1.35 अरब की लागत से दोबारा निर्माण कार्य शुरू कराया। पुल के डिजाइन के लिए अंतरराष्ट्रीय निविदा जारी की गई। पुल का नया डिजाइन दक्षिण कोरिया की कंपनी योसीन से तैयार कराया गया। अब पुल का काम लगभग पूरा हो चुका है। इसके बाद फाइल लोड टेस्टिंग के लिए लोनिवि ने कोरियाई इंजीनियर जैकी किम को 15 दिनों के लिए बुलाया है।
21 सितंबर से पुल की लोड टेस्टिग शुरू होगी। रिपोर्ट सही आने के बाद अक्टूबर से पुल पर वाहनों का संचालन शुरू हो सकेगा। डोबरा पुल के प्रोजेक्ट इंजीनियर एसएस मखलोगा ने बताया कि डोबरा-चांठी पुल की कुल लंबाई 725 मीटर है। इसमें सस्पेंशन ब्रिज 440 मीटर लंबा है। पुल की कुल चौड़ाई सात मीटर है।
पुल पर ज्यादा वाहन एक साथ न जाएं, इसके लिए पुल पर बूम बैरियर भी लगाए जाएंगे।