परिवहन निगम को एकमुश्त राहत देने की गेंद मुख्यमंत्री के पाले में..
उत्तराखंड: परिवहन निगम को कैबिनेट बैठक से फिलहाल कोई फौरी राहत नहीं मिल पायी है। कैबिनेट में निगम को 151 करोड़ 88 लाख रुपये एकमुश्त देने का जो प्रस्ताव रखा गया, उस पर फैसला लेने के लिए मंत्रिमंडल ने मुख्यमंत्री को अधिकृत कर दिया है। जिसके बाद अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सभी पहलुओं को देखने और समझने के बाद ही कोई निर्णय लेंगे। आपको बता दे कि परिवहन निगम में घाटे की वजह से कर्मचारियों को वेतन न मिल पाने का मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है।
हाईकोर्ट के निर्देश के बाद जनवरी और फरवरी का वेतन जारी कर दिया गया था, लेकिन बाकी वेतन जारी नहीं हुआ था। हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 19 जुलाई की तिथि तय की है। इस बीच निगम की पांच जुलाई को हुई बोर्ड बैठक के प्रस्ताव के तहत बुधवार को कैबिनेट की बैठक में निगम को एकमुश्त 151 करोड़ 88 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का प्रस्ताव भी लाया गया।
इसके पीछे एक वजह भी बताई जा रही हैं कि निगम बोर्ड के फैसले के तहत फिलहाल कर्मचारियों को अप्रैल से आधा वेतन दिया जाएगा, जिसके लिए करीब 34 करोड़ की जरूरत थी। बाकी पेंशन, ग्रेच्युटी, मरम्मत और डीजल मिलाकर निगम को 151 करोड़ का प्रस्ताव रखा गया। इसके साथ ही मंत्रिमंडल ने इस मामले में फैसला लेने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत कर दिया है। अब मुख्यमंत्री संबंधित अधिकारियों और निगम प्रबंधन से वार्ता करने के बाद ही इस मामले में कोई फैसला लेंगे। शासन से वार्ता के बाद रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद ने अपनी हड़ताल रद्द कर दी है। वहीं परिवहन निगम कर्मचारी संयुक्त मोर्चा की हड़ताल को लेकर कोई निर्णय नहीं हो पाया है।