उत्तराखंड

टेली मेडिसिन सेवा से जुड़ा सीएचसी अगस्त्यमुनि

पहले दिन ही रिकार्ड मरीजों का पंजीकरण कर दिया गया लाभ
वरदान साबित होगी टेली मेडिसिन सेवा: तोमर
रुद्रप्रयाग। अब अगस्त्यमुनि क्षेत्र की जनता को विशेषज्ञ डाॅक्टरों के लिए इधर उधर भटकना नहीं पड़ेगा। यहां का सीएचसी सरकार की महत्वकांक्षी योजना टेली मेडिसिन सेवा से जुड गया है। सेवा के शुरू होने से पहाड़ के दूरस्थ क्षेत्र भी सीधे विशेषज्ञ डाॅक्टर से सलाह ले पायेंगे। इससे पहाड़ी क्षेत्रो ंमें डाॅक्टरों की कमी नहीं खलेगी।

सरकार ने दूर-दराज के क्षेत्रो ंमें विशेषज्ञ डाॅक्टरों की कमी से पार पाने के लिए टेली मेडिसिन का सहारा लिया है, जिसके तहत दूरस्थ क्षेत्र में नियुक्त डाॅक्टर बेस अस्पताल श्रीनगर से इन्टरनेट वीडियो द्वारा सीधा सम्पर्क करता है और मरीज की रिपोर्ट को विशेषज्ञ डाॅक्टर को दिखाता है। विशेषज्ञ डाॅक्टर मरीज की रिपोर्ट को देखकर स्थानीय डाॅक्टर को विभिन्न जांच एवं अन्य सलाह देता है। सेवा के प्रारम्भ होने से जटिल रोंगों से ग्रस्त गरीब, असमर्थ एवं बुजुर्ग जनता को भारी राहत मिलेगी।

गत सोमवार को सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने श्रीनगर बेस अस्पताल में टेली मेडिसिन सेवा का शुभारम्भ किया, जिससे अगस्त्यमुनि सीएचसी को भी इस सेवा से जोडा़ गया। पहले दिन ही अगस्त्यमुनि में इस सेवा को हाथों हाथ लिया गया और सबसे अधिक 27 मरीजों का पंजीकरण इस सेवा में कराया गया, जिनकी मेडिकल रिपोर्टों को अपलोड कर विशेषज्ञों की राय के लिए भेजा गया। जिसमें से दो मरीजों को चर्म विशेषज्ञ एवं कार्डियोलोजिस्ट ने विभिन्न सलाह देकर उनका ईलाज किया। मंगलवार को चिकित्सा स्वास्थ्य सचिव नितेश कुमार झा ने टेली मेडिसिन सेवा का जायजा लेते हुए बेस अस्पताल के ई स्टूडियो से अगस्त्यमुनि सीएचसी के डाॅक्टर से सम्पर्क कर फीडबैक लिया। सीएचसी की डाॅ. प्रांजली ने बताया कि स्वास्थ्य सचिव ने डाॅक्टर की उपलब्ध्ता एवं मरीजों के बारे में विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिए कि मरीजों से भी इस सेवा का फीडबैक अवश्य लिया जाय, जिससे इस सेवा में गुणोत्तर सुधार किया जा सके। वहीं सीएचसी की अधीक्षक डाॅ. नीतू तोमर ने बताया कि टेली मेडिसिन सेवा इस क्षेत्र के लिए वरदान है। सीएचसी में पहले दिन ही रिकार्ड मरीजों का पंजीकरण कर टेली मेडिसिन का लाभ दिलाया गया। सुविधा का बेहतर प्रचार प्रसार होने के बाद क्षेत्र की गरीब जनता को इसका समुचित लाभ मिल सकेगा। कभी कभी नेटवर्क की प्राब्लम होने से सेवा बाधित हो रही है। तो कभी बेस अस्पताल में विशेषज्ञ डाॅक्टर उपलब्ध न होने से इसमें देरी हो रही है। इसके लिए इसका दोनों ओर से समय निर्धारण करना आवश्यक हैं जिससे गम्भीर रोगियो ंको कोई परेशानी न हो।

अगस्त्यमुनि सीएचसी टेली मडिसिन से जुड़ने पर नपं अध्यक्ष अशोक खत्री, भाजपा मण्डल अध्यक्ष श्रीनन्द जमलोकी, जिला महामंत्री अनूप सेमवाल, विक्रम नेगी, हर्षवर्धन बेंजवाल, हरिहर रावत, अनसूया बेंजवाल, व्यापार संघ अध्यक्ष मोहन रौतेला, क्षेपंस माधुरी नेगी, पूर्व प्रधान बलबीर लाल, चन्द्रशेखर बेंजवाल सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों ने इसके लिए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत का आभार प्रकट करते हुए खुशी जाहिर की है।

सरकार ने टेली मेडिसिन सेवा प्रारम्भ कर इसे स्वास्थ्य सेवाओं में मील का पत्थर बताया है, लेकिन यह तो समय ही बतायेगा कि यह सेवा कितनी सफल होती है। डाॅक्टरो एवं विशेषज्ञ डाॅक्टरों की कमी से यह सेवा सफल होगी, इसमें सन्देह है। क्योंकि इन्हीं डाॅक्टरों ने अपने कक्ष में ओपीडी भी देखनी है। ऐसे में वे अधिसंख्य मरीजों को छोड़कर कैसे जा सकते हैं। वहीं बीएसएनएस की लचर ब्राॅडबैण्ड सेवा भी इस सेवा को बाधित करती रहेगी। ऐसे में मरीज कब तक इंतजार करता रहेगा।

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