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हिमाचल चुनाव में प्रचार का बड़ा हथियार बन सकते हैं कर्नल कोठियाल..

हिमाचल चुनाव में प्रचार का बड़ा हथियार बन सकते हैं कर्नल कोठियाल..

 

देश -विदेश : हिमाचल विधानसभा चुनाव में कर्नल कोठियाल भाजपा के लिए काफी उपयोगी साबित हो सकते हैं। भाजपा में सियासी रणनीति के तहत कराए गए हैं शामिल।

मंगलवार को प्रदेश पार्टी कार्यालय में जब कर्नल कोठियाल भाजपा में शामिल हो रहे थे, तो कइयों की जुबान पर यह सवाल तैर रहा था कि आखिर गंगोत्री विधानसभा सीट से जमानत जब्त कराने वाले कर्नल अजय कोठियाल (सेनि.) को भाजपा में लाने के क्या सियासी मायने हो सकते हैं?

मंगलवार को प्रदेश पार्टी कार्यालय में जब कर्नल कोठियाल भाजपा में शामिल हो रहे थे, तो कइयों की जुबान पर यह सवाल तैर रहा था कि आखिर गंगोत्री विधानसभा सीट से जमानत जब्त कराने वाले कर्नल अजय कोठियाल (सेनि.) को भाजपा में लाने के क्या सियासी मायने हो सकते हैं?

इस सवाल की पड़ताल की गई तो खुलासा हुआ कि सुनियोजित सियासी रणनीति के तहत उन्हें पार्टी में शामिल कराया गया है। हिमाचल विधानसभा चुनाव में कर्नल कोठियाल भाजपा के लिए काफी उपयोगी साबित हो सकते हैं। उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव में सफाया होने के बाद आम आदमी पार्टी के प्रदेश संगठन में खासी बेचैनी थी।

पराजय से व्यथित कर्नल अजय कोठियाल और उनके समर्थक भी खुद को पार्टी में सहज नहीं पा रहे थे। इसलिए उन्हें एक ऐसे ठौर की तलाश थी, जहां उन्हें सम्मान के साथ स्थान भी मिल सके। ज्योंही फौजी अफसर और उनकी टीम की ख्वाहिश भाजपा तक पहुंची, उसके नेताओं ने उनके लिए दरवाजे खोल दिए। पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय सूत्रधार बने।’

सियासी हलकों में सवाल तैरा कि आखिर कर्नल कोठियाल को भाजपा में लाने के क्या सियासी मायने हो सकते हैं? कर्नल अजय कोठियाल को पार्टी में लाने का भाजपा को सबसे पहला लाभ सैन्य बहुल उत्तराखंड में सैनिक और पूर्व सैनिक परिवारों के बीच यह संदेश देना है कि वह सैन्य पृष्ठभूमि से जुड़े लोगों को महत्व देती है। राष्ट्रवाद के अपने एजेंडे को मजबूती देने के लिए भी उसने यह दांव चला। लेकिन बड़ा सियासी दांव पड़ोसी राज्य हिमाचल के लिए माना जा रहा है।

हिमाचल में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं। पार्टी वहां चुनावी मोड में आ चुकी है। केंद्रीय नेतृत्व हिमाचल में भाजपा की वापसी के लिए चुनावी रणनीति बना रहा है। कर्नल कोठियाल की भाजपा में ज्वाइनिंग इसी रणनीति का हिस्सा मानी जा रही है। पार्टी नेताओं से ऐसे संकेत मिले हैं कि कर्नल कोठियाल हिमाचल चुनाव में भाजपा के लिए उपयोगी साबित हो सकते हैं।

हिमाचल में आम आदमी पार्टी चुनाव लड़ने के लिए कमर कस चुकी है। हिमाचल पर पड़ोसी राज्य पंजाब का ठीक वैसा ही प्रभाव है, जैसा उत्तराखंड पर उत्तरप्रदेश का। पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है।

अपनी सरकार के दम पर आप हिमाचल में चुनावी माहौल को अपने हक में करने की तैयारी में है, लेकिन वहां सत्तारूढ़ भाजपा कर्नल अजय कोठियाल को प्रचार मैदान में उतारकर आप के चुनावी हमलों का जवाब दे सकती है। कोठियाल उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी के सीएम पद के चेहरे थे।

वहीं, कोठियाल अब आम आदमी पार्टी से जुड़ने को अपनी सबसे बड़ी भूल बता रहे हैं। जाहिर है कि यही बात जब वह हिमाचल के मतदाताओं के बीच दोहराएंगे तो इसका जवाब देना आप के लिए आसान नहीं होगा।

दूसरा उत्तराखंड की तरह हिमाचल भी सैनिक बहुल माना जाता है। दोनों ही लिहाज से कर्नल कोठियाल भाजपा के लिए उपयोगी दिखाई देते हैं। पार्टी के प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार कहते हैं, हिमाचल चुनाव के प्रचार में कर्नल अजय कोठियाल का पार्टी जरूर उपयोग करेगी।

 

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