उत्तराखंड

तीर्थयात्रियों को नये कलेवर में नजर आयेगी बाबा की नगरी

– पांच सौ मीटर की दूरी से होंगे बाबा केदार के दर्शन

– सरस्वती नदी से मंदिर तक किया गया है पैदल मार्ग को पचास फीट चौड़ा

– पैदल मार्ग पर लगाये गये हैं स्थानीय शैली की पठाल

– प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत हो रहा धाम में कार्य

तीर्थधाम केदारनाथ आने वाले श्रद्धालुओं का इस बार बाबा की नगरी नये कलेवर में नजर आयेगी। जहां धाम में तीर्थ यात्रियों को रहने-खाने की समुचित व्यवस्था उपलब्ध होगी, वहीं पांच सौ मीटर की दूरी से ही उन्हें केदारनाथ के दर्शन हो सकेंगे। मंदिर से लेकर सरस्वती नदी पर बने पुल तक पैदल मार्ग को पचास फिट चैड़ा किया गया है और रास्ते पर स्थानीय शैली के बनाये गये पठाल को लगाया जा रहा है। इसके अलावा केदारनाथ मंदिर के आगे और पीछे के हिस्से को भी काफी चैड़ा किया गया है। ऐसे में हजारों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर परिसर में ही रूक सकते हैं।

देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत केदारपुरी में कार्य किया जा रहा है। पिछले वर्ष केदारनाथ कपाट खुलने के मौके पर पीएम मोदी केदारपुरी पहुंचे थे और कपाट बंद होने के समय एक दिन पहले ही उन्होंने केदारपुरी का दौरा किया। कपाट बंद होने के बाद से पीएम मोदी केदारनाथ में हो रहे रि-डेवलपमेंट कार्य का ड्रोन कैमरे के जरिये तो कभी मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से पूछताछ कर रहे हैं। पीएम मोदी का सपना है कि बाबा का धाम एक नये कलेवर में नजर आए, जिससे देश-विदेश के तीर्थयात्री ज्यादा से ज्यादा संख्या में केदारपुरी पहुंचे और आपदा के बाद से तहस-नहस हुई यात्रा फिर से पटरी पर लौट आए। इन दिनों केदारनाथ में तेजी से कार्य चल रहे हैं और यात्रा को लेकर व्यवस्थाएं जुटाई जा रही हैं।

इस बार 29 अप्रैल से बाबा केदार की यात्रा शुरू हो रही है। यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्रियों को बाबा का धाम नये कलेवर में नजर आयेगा। मंदिर के आगे के सारे भवनों को तोड़ा गया है और केदारनाथ मंदिर से आधा किमी दूर तक पैदल मार्ग को 50 फिट चैड़ा किया गया है और स्थानीय शैली से तैयार किये गये पठालों को पैदल रास्ते पर लगाया जा रहा है। इन पठालों पर चलने में तीर्थयात्रियों को कोई दिक्कतें नहीं होंगी। इन्हें सोनप्रयाग में निम के मजदूरों द्वारा तैयार किया जा रहा है। केदारनाथ धाम में पैदल मार्ग के दायरे में आने वाले सभी भवनों और दुकानों को तोड़ा गया है। अब आधे किमी दूर से ही बाबा का मंदिर साफ-साफ नजर आयेगा। इसके अलावा केदारनाथ मंदिर के आगे एवं पीछे के पसिर को भी काफी चैड़ा किया गया है। चैड़ाई बढ़ने से मंदिर का स्वरूप भी अलग नजर आ रहा है। मंदिर परिसर की चैड़ाई बढ़ने से हजारों यात्री मंदिर परिसर में ही रूक सकते हैं। केदारनाथ पैदल मार्ग का चैड़ीकरण प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है। प्रधानमंत्री के निर्देशों के बाद ही पैदल मार्ग का चैड़ीकरण हुआ है। पैदल मार्ग का चैड़ीकरण का मुख्य उददेश्य तीर्थ यात्रियों को दूर से ही मंदिर के दर्शन कराना है, जिससे तीर्थ यात्री दूर से ही मंदिर को देखें और उन्हें थकान का एहसास न हो। अक्सर देखा जाता है कि यात्री 18 किमी की पैदल यात्रा करके थक जाते हैं और हाथ-पांव छोड़ देते हैं। ऐसे में अगर यात्रियों को दूर से ही मंदिर दिखेगा तो उनकी थकान मिट जायेगी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी केके तहत केदारपुरी का स्वरूप बदलने लग गया है। केदारनाथ धाम धीरे-धीरे स्मार्ट केदारपुरी में तब्दील हो रहा है। जिसकी तस्वीरें भी सामने आने लगी हैं। बाबा के दर्शनों के लिये तीर्थ यात्रियों को एक किमी लंबी लाइन लगानी पड़ती थी, वहीं अब तीर्थ यात्रियों को मंदिर में ही दर्शनों के लिये इंतजार करना पड़ेगा। मंदिर के अगल-बगल और मंदिर से आधा किमी सरस्वती नदी तक पैदल मार्ग के दोनों किनारों से भवनों और दुकानों को तोड़ा गया है। मंदिर के आस-पास व रास्ते पर कही भी दुकाने नहीं हैं। मंदिर मार्ग पर स्थित दुकानें अब हेलीपैड के निकट खोली जाएंगी। जहां 40 से 50 दुकानों का निर्माण किया जायेगा। जहां तीर्थ यात्री बाबा को चढ़ाने के लिये प्रसाद ले जा सकते हैं और अन्य सामग्री को भी खरीद सकते हैं। मंदिर के चारों ओर से श्रद्धालुओं को परिक्रमा करने के लिये विशेष इंतजाम किये जा रहे हैं। मंदिर के आगे के हिस्से में ऐसे पत्थर लगाये जा रहे हैंए जिनमें श्रद्धालुओं को नंगे पैर अत्यधिक ठंड का सामना न करना पड़े।

केदारनाथ मंदिर के पीछे जहां से 2013 में विनाशकारी बाढ़ आई थी, वहां तीन प्रकार की मजबूत सुरक्षा दीवारों का निर्माण किया गया है। इसके अलावा सरस्वती और मंदाकिनी नदी के संगम स्थल पर तीर्थ यात्रियों के नहाने और पित्रों को तर्पण देने के लिये घाटों का निर्माण हो गया है। साथ ही यहां पर चेचिंग रूम की व्यवस्था भी की गई है। साथ ही पूरी केदारपुरी में चारों ओर से प्रोक्टेशन वाॅल बनाई जा रही हैं, जिससे केदारपुरी को किसी भी खतरे से बचाया जा सके। केदारनाथ में यात्रियों के रहने के लिये टेंट एवं हटों की व्यवस्था की जा रही है। टेंट की व्यवस्थाएं स्थानीय बेरोजगारों के साथ ही गढ़वाल मंडल विकास निगम को सौंपी गई हैं।

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