उत्तराखंड

29 अप्रैल को खुलेंगे बाबा केदारनाथ के कपाट

रोहित डिमरी

पंचाग गणना के अनुसार शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में तिथि हुई घोषित
तीसरे रात्रि प्रवास के बाद केदारनाथ धाम पहंुचेगी बाबा की पंचमुखी चल विग्रह उत्वस डोली
रुद्रप्रयाग। पर्वतराज हिमालय की गोद में बसे भगवान केदारनाथ के कपाट खोलने की तिथि महाशिवरात्रि पर्व पर पंचाग गणना के अनुसार शीतकालीन गद्दी स्थल आंेकारेश्वर मन्दिर में घोषित की गई। भगवान केदारनाथ के कपाट 29 अप्रैल को मेष लग्न में प्रातः छः बजकर 15 मिनट पर आम श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ के लिए खोल दिये जायंेगे, जबकि भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली 26 अप्रैल को अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मन्दिर ऊखीमठ से हिमायल के लिए रवाना होगी।
महाशिवरात्रि पर्व पर शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में पौराणिक परम्पराओं, रीति-रिवाजों व पंचाग गणना के तहत भैरव पूजन, पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली के धाम रवाना होने व भगवान केदारनाथ के कपाट लगनानुसार खोलने की तिथियां घोषित की गई। 25 अपै्रल को शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मन्दिर परिसर में विराजमान क्षेत्र रक्षक भैरवनाथ की विशेष पूजा-अर्चना की जायेगी। 26 अपै्रल को भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मन्दिर से प्रस्थान कर जाबरी, विद्यापीठ, भैसारी, गुप्तकाशी नाला, नारायणकोटी, कोरखी, मैखण्डा, यात्रा पडावों पर श्रद्धालुओं को आशीष देते हुये प्रथम रात्रि प्रवास के लिये फाटा पहुंचेगी। विगत वर्षो की तुलना इस वर्ष भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मन्दिर से एक घंटे विलम्ब से यानि दस बजे कैलाश के लिए रवाना होगी। 27 अपै्रल को बाबा केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली फाटा से प्रस्थान कर शेरसी, बड़ासू, रामपुर, सीतापुर सोनप्रयाग यात्रा पडा़वों पर श्रद्धालुओं को आशीष देते हुए द्वितीय रात्रि प्रवास के लिये गौरीमाई मंदिर गौरीकुण्ड चहुंचेगी। 28 अपै्रल को भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली गौरीकुण्ड से प्रस्थान कर जंगलचट्टी, भीमबली, लिनचैली, यात्रा पडावों पर श्रद्वालुओं को आशीष देते हुये केदारनाथ धाम पहुंच कर अपने भण्डार गृह में विराजमान हो जायेगी। 29 अप्रैल को मेष लग्न में प्रातः छः बजकर 15 मिनट पर भगवान केदारनाथ के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ के लिए खोल दिये जायेंगे। महाशिव रात्रि पर्व पर ओंकारेश्वर मन्दिर में केदारनाथ यात्रा केे निविघ्न संपंन होने, विश्व कल्याण व क्षेत्र की खुशहाली के लिए विशेष पूजा-अर्चना, हवन, तथा कीर्तन भजन किये गये।

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