उत्तराखंड

लोक गायक कप्रवाण के कमला बठिणा ने मचाई धूम

रोहित डिमरी

कुछ ही दिनों में एक लाख लोगों ने किया गाने को पसंद
वीडीओ में जिले के अनजाने पर्यटक स्थलों को है दिखाया
पर्यटन को बढ़ावा देने में पर्यटक स्थलों को विकसित करने की जरूरत: कुलदीप
रुद्रप्रयाग। जिले के प्रसिद्ध लोक गायक कुलदीप कप्रवाण की शुरूआती वीडीओ एल्बम को कुछ ही दिनों में एक लाख लोगों ने पसंद किया है। श्री कप्रवाण का कमला बठिणा गीत यूट्यूब पर धमाल मचा रहा है।


नगर क्षेत्र के हितडांग निवासी लोक गायक कुलदीप कप्रवाण ने नये वर्ष पर अपना पहला गीत कमला बठिणा का वीडीओ लांच किया। गाने के यूट्यूब पर आने के बाद सभी इस गाने को पसंद करने लगे। गाने की शूटिंग जिले के मिनी स्विटजरलैंड चोपता की वादियों से लेकर तूना, बौंठा सहित अन्य इलाकों में की गई है। इस गीत को अब तक एक लाख दो हजार लोगों ने यूट्यूब पर देखा है और तेजी से इसके ब्यूवर्स बनते जा रहे हैं। गाने में अभिनय दीघायु गोस्वामी, कुलदीप कप्रवाण, सुनित चैधरी, शालनी “शालू“ ने किया है। जबकि नृत्य निर्देशक की भूमिका अंकुश सकलानी ने निभाई है। कैमरामेन में लोक गायक किशन महिपाल ने साथ दिया है तो खिलेश कला मंच के अध्यक्ष नवीन सेमवाल का पूरा सहयोग रहा है। लोक गायक कुलदीप कप्रवाण बताते हैं कि पहले ही वीडीओ को इतनी तेजी से लोगों ने पसंद किया है। उन्हें उम्मीद नहीं थी कि उनका यह गाना इतनी जल्दी हिट हो जायेगा और यूट्यूब पर धमाल मचायेगा। उन्होंने कहा कि जिले में कई मनोहारी पर्यटक एवं धार्मिक स्थल हैं, जिन्हें विकसित किये जाने की आवश्यकता है। वे अपनी वीडीओ एल्बमों से ऐसी जगहों की तलाश भी कर रहे हैं, जहां पर्यटक नहीं जा सके हैं। जिले में मिनी स्विटजरलैंड के नाम से विख्यात चोपता की खूबसूरती से हरकोई वाकिफ है। इसके अलावा भी अन्य ऐसे स्थल हैं, जो सरकार और प्रशासन की आंखों से कोसों दूर हैं। अपनी वीडियो एल्बम के लिए उन्होंने नई जगहों की तलाश की और फिर इसके बाद वीडियो शूट किया गया। कहा कि लोकगीत के साथ ही आने वाले दिनों में गानों में रेप गाने भी बाजार में उतारे जायेंगे। अभी तीन गाने हैं, जिनकी वीडीओ शूटिंग होनी बाकी है। इसके बाद वे यूट्यूब पर आ जायेंगे। इनमें रेप गाना सुणजा मेरी बात गैल्या को स्वयं उन्होंने और गीतकार अजय नौटियाल ने तैयार किया है। इसके अलावा मेरी सैन्दाण तू सैंकी रखी अफू मू को गीतकार अजय नौटियाल व प्रेम गीत तेरी माया का स्वाणा दिन याद औन्दा, दगड्या त्वै बिना अब नि रयैंदू को नवीन सेमवाल ने तैयार किया है, जिसे कुलदीप कप्रवाण अपने स्वरों से पिरोयेंगे। उन्होंने शासन-प्रशासन और सरकार से मांग करते हुए कहा कि स्थानीय लोक गायकों को प्रशासन स्तर से मदद मिलनी चाहिए, जिससे वे आगे बढ़ने के साथ ही जिले का नाम भी रोशन कर सकें

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