अधिकारी-कर्मचारी समन्वय मंच का दो दिनी धरना-प्रदर्शन समाप्त
केन्द्र के समान भत्ता देने समेत अन्य मांगों को लेकर आंदोलित हैं कर्मचारी
(मोहित डिमरी)
रुद्रप्रयाग। उत्तराखंड अधिकारी-कर्मचारी समन्वय मंच का दो दिवसीय धरना-प्रदर्शन समाप्त हो गया है। अब 22 जून को कर्मचारी देहरादून में आयोजित महासभा में शामिल होंगे। कर्मचारियों की हड़ताल के चलते विभागों में कामकाज प्रभावित रहा।
मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय के सम्मुख धरना देते हुए कर्मचारियों ने कहा कि प्रदेश के कार्मिकों को केन्द्र के समान सभी भत्ते तत्काल अनुमन्य किया जाय और यू-हैल्थ स्मार्ट कार्ड की सुविधा केन्द्र सरकार की तर्ज पर सेवारत, सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए तत्काल लागू की जाए और देश-विदेश के उच्चस्तरीय सुविधा संपंन चिकित्सालयों को इसमें शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी कार्मिकों को पूरे सेवाकाल में न्यूनतम तीन पदोन्नतियां अनिवार्य रूप से प्रदान की जाय। अर्हकारी सेवा में शिथिलीकरण की पूर्ववर्ती व्यवस्था को यथावत लागू रखा जाए।
एक अक्तूबर 2005 के बाद नियुक्त कार्मिकांें के लिए पुरानी पेंशन व्यवस्था शीघ्र बहाल की जाए। स्थानांतरण अधिनियम में राज्य के कार्मिको को सेवानिवृत्ति के अंतिम वर्ष में उनके ऐच्छिक स्थान पर अनिवार्य रूप से स्थानांतरण, पदस्थापना का प्रावधान किया जाय। इंदुकुमार पांडे की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा शासन को प्रस्तुत की गयी कर्मचारी विरोधी रिपोर्ट को संज्ञान में न लिया जाय।
सामाजिक कार्यकर्ता अशोक चैधरी ने धरना स्थल पर कर्मचारियों को समर्थन देते हुए कहा कि सरकार को कर्मचारी की मांगों पर अमल करना चाहिए।
मुख्य संयोजक मानवेन्द्र बत्र्वाल, महावीर सिंह पटवाल, रेवत सिंह रावत, कुलदीप सिंह रावत, रणजीत सिंह गुसांई, सौम्या ढौंडियाल ने कहा कि 22 जून को देहरादून में सभी कर्मचारी एकत्रित होकर सरकार से अपनी मांग पूरी करवाने के लिए दबाव बनायेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार उनकी मांगों को लेकर गंभीर नहीं दिखाई दे रहा है। सरकार ने मांग पूरी नहीं की तो कर्मचारी अपना आंदोलन उग्र करेंगे।
इस मौके पर अभिषेक गैरोला, महावीर सिंह, संगीता, जयदीप सिंह, कमल सिंह राणा, राधाकृष्ण काला, बीएस नेगी, धन्जय नौटियाल, आशीष भंडारी, मनोज कुमार, रमेश भारती, जितेन्द्र कुमार, दिग्पाल सिंह, कुलदीप कुमोला समेत बड़ी संख्या में कर्मचारी मौजूद थे।
